NIA ने आतंकवादी फंडिंग मामले में कश्मीरी पत्रकार को किया गिरफ्तार

NIA ने आतंकवादी फंडिंग मामले में कश्मीरी पत्रकार को किया गिरफ्तार

श्रीनगर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कश्मीर के एक स्वतंत्र पत्रकार इरफान महराज को कथित तौर पर आतंकवादी फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया है। अधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अक्टूबर 2020 में दर्ज गैर सरकार संगठन (एनजीओ) आंतकवादी फंडिंग मामले की व्यापक जांच के बाद आज एनआईए ने इरफान महराज को श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) से गिरफ्तार किया है। 

गौरतलब है कि इरफान महराज खुर्रम परवेज का करीबी सहयोगी था और उसका संगठन जम्मू-कश्मीर कोएलिशन ऑफ सिविल सोसाइटीज (जेकेसीसीएस) के साथ काम कर रहा था। एनआईए ने इरफान के करीबी सहयोगी खुर्रम को भी हिरासत में लिया। इरफान श्रीनगर में एक स्वतंत्र पत्रकार और शोधकर्ता हैं। वह टीआरटी वर्ल्ड और विभिन्न राष्ट्रीय तथा स्थानीय मीडिया के लिए काम करता है। इरफान पूर्व में खुर्रम परवेज के नेतृत्व वाले एक प्रमुख समूह जम्मू-कश्मीर गठबंधन ऑफ सिविल सोसाइटी के शोधकर्ता था। 

एनआईए प्रवक्ता ने कहा कि अक्टूबर 2020 में दर्ज एनजीओ आतंकवादी फंडिंग मामले में व्यापक जांच के बाद इरफान को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा कि जांच से पता चला कि जेकेसीसीएस घाटी में आतंकी गतिविधियों को वित्तपोषित कर रहा था और मानवाधिकारों की सुरक्षा की आड़ में घाटी में अलगाववादी एजेंडे का प्रचार भी कर रहा था। 

एनआईए ने कहा कि वह आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों के वित्तपोषण में घाटी स्थित कुछ गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ), ट्रस्टों और सोसायटियों की संलिप्तता की जांच कर रही है। पंजीकृत और गैर-पंजीकृत कुछ एनजीओ, सार्वजनिक स्वास्थ्य, शिक्षा सहित अन्य विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों के तहत घरेलू और विदेशों में धन एकत्र करने के मामले सामने आए हैं। 

उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ संगठनों के प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैसे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) के साथ संबंध हैं। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गिरफ्तारी की आलोचना की और आरोप लगाया कि पत्रकारों को सच बोलने और अपना कर्तव्यों को निभाने के लिए गिरफ्तार किया है। 

उन्होंने कहा कि गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) जैसे कठोर कानूनों का लगातार दुरुपयोग किया जा रहा है। इरफान की गिरफ्तारी जम्मू की स्थानीय अदालत द्वारा गिरफ्तार पत्रकार फहद शाह और एक विश्वविद्यालय के विद्वान के खिलाफ समाचार पोर्टल पर ‘देशद्रोही’ लेख लिखने और प्रकाशित करने के आरोप तय होने के कुछ दिनों बाद हुई है।

ये भी पढ़ें- आपराधिक गतिविधियों से निपटने के लिए कड़े उपायों से नहीं डरती पंजाब सरकार: केजरीवाल