बालापड़ा गांव हमला : कोर्ट ने एनडीएफबी उग्रवादी को सुनाई उम्रकैद की सजा 

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Published By Om Parkash chaubey
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की गुवाहाटी स्थित विशेष अदालत ने असम के कोकराझार जिले स्थित बालापड़ा गांव में 2014 में सशस्त्र हमले में सात लोगों की हत्या के मामले में बोडो उग्रवादी रबी बसुमतरी को उम्र कैद की सजा सुनाई है।

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विशेष अदालत ने रंगजाबाजा और रवि के नाम का इस्तेमाल करने वाले बसुमतरी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी)की संबंधित धारा और गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज दो मामलों में सश्रम कारावास की सजा सुनाई जबकि अन्य मामलों में 10 साल कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने बसुमतरी को 13 मार्च को दोषी करार दिया था।

उस पर सभी मामलों में अर्थ दंड भी लगाया गया है जिनका भुगतान नहीं करने पर उसे अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी। एनआईए ने यहां जारी बयान में बताया कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। एनआईए ने बताया कि एक मई, 2014 को बसुमतरी नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के छह अन्य उग्रवादियों के साथ गोसाईगांव थाना क्षेत्र के अंतर्गत बालापड़ा गांव में दाखिल हुआ।

उन्होंने ग्रामीणों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। उन्होंने यह कार्रवाई एनडीएफबी नेता जी बिदाई और सोंगबिजीत के कहने पर की थी। इस घटना में सात लोगों की मौत हो गई थी और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। बसुमतरी को सितंबर 2016 में गिरफ्तार किया गया था और एनआईए ने मार्च 2017 में उसके खिलाफ पहला पूरक आरोप पत्र दाखिल किया। 

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