अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने नीतिगत ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की

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Published By Himanshu Bhakuni
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वॉशिंगटन/नई दिल्ली। अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने मुद्रास्फीति के खिलाफ वर्तमान लड़ाई में ब्याज दर बढ़ाने की रफ्तार कुछ कम करते हुए बुधवार को नीतिगत ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की। अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक सहित कुछ बैंकों के दिवालिया होने के बाद बाजार को पहले ही अनुमान था कि फेडरल रिजर्व ब्याज दर बढ़ाने की रफ्तार अब कम करेगा। बाजार मानकर चल रहा था कि फेडरल रिज़र्व की ओपन मार्केट कमेटी की इस बार हद से हद चौथाई प्रतिशत की ही वृद्धि करेगी। बैंकों में संकट उत्पन्न होने से पहले अनुमान था कि फेडरल रिजर्व ब्याज दर में इस बार भी 0.5 प्रतिशत तक की वृद्धि कर सकता है। 

ताजा वृद्धि के बाद अमेरिका में नीतिगत बस्तर का दायरा 4.75 प्रतिशत से 5.00 प्रतिशत हो गया है। वाणिज्यिक बैंकों को लगता है कि इस वर्ष के अंत तक अमेरिका में नीतिगत ब्याज दर अब 5.1 प्रतिशत से 5.25 प्रतिशत तक बढ़ाई जा सकती है। फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढ़ाए जाने से अमेरिकी बाजार में सरकारी प्रतिभूतियों का बाजार भाव काफी घट गया है जिससे उनमें निवेश करने वाले बैंकों को बड़ा घाटा उठाना पढ़ रहा है। बहुत से छोटे बैंकों के डूबने का खतरा बन गया है।

फेडरल रिजर्व के बयान में कहा गया है मुद्रास्फीति को शांत करने के लिए नीतिगत ब्याज दर में और वृद्धि की जरूरत पड़ सकती है। बयान में कहा गया है कि फेडरल रिजर्व की खुले बाजार कि समिति आगे आने वाले आंकड़ों को देखेगी और उनका आकलन करेगी कि नीतिगत फैसलों का क्या प्रभाव पड़ रहा है। समिति को लगता है कि मुद्रास्फीति पर पर्याप्त अंकुश के लिए नीति को कुछ और कड़ा करना पड़ सकता है। 

फेडरल रिजर्व मुद्रास्फीति को 2 प्रतिशत के आसपास रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है जो कोविड-19 के समय लागू किए गए मौद्रिक और राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज के चलते तरलता बढ़ने से काफी ऊंची चली गई थी और यह अभी छह प्रतिशत के दायरे में है। बयान में कहा गया है कि अमेरिका की बैंकिंग प्रणाली मजबूत और जुझारू है। फेडरल रिजर्व की नीतिगत दर का स्तर 2007 के बाद की सबसे ऊंचाई पर है। 

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