अयोध्या: श्रद्धालुओं को 30 फीट दूर कोली मंडप से करने होंगे रामलला के दर्शन

बनाया जा रहा 20 फिट चौड़ा और 14 फिट लंबा कोली मंडप

अयोध्या: श्रद्धालुओं को 30 फीट दूर कोली मंडप से करने होंगे रामलला के दर्शन

अमृत विचार, अयोध्या। राम मंदिर में रामलला का दर्शन पाने के लिए श्रद्धालुओं को कोली मंडप तक पहुंचना होगा, जहां से 30 फीट की दूरी पर खड़े होकर रामलला का दर्शन कर सकेंगे। राम जन्मभूमि पर मंदिर के भूतल का निर्माण 8 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए मजदूरों की संख्या को भी बढ़ा दिया गया है।

राम मंदिर निर्माण में पश्चिम दिशा में अष्टकोणीय गर्भगृह का निर्माण हो रहा है, जिसके पूरब 20 फिट चौड़ा और 14 फिट लंबा कोली मंडप बनाया जा रहा है। जहां पर भक्त खड़े होकर रामलला का दर्शन कर सकेंगे। इसके पूरब में नृत्य मंडप, रंग मंडप, गुड मंडप के साथ उत्तर और दक्षिण दिशा में कीर्तन मंडप बनाया जा रहा है। इसके साथ ही मंदिर में सिंहद्वार से राम मंदिर में प्रवेश के लिए 32 सीढ़ियां बनाई गई हैं।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर भूतल निर्माण में गर्भगृह पर 20 फुट ऊंची दीवार खड़ा किए जाने के साथ पांच मंडप को बनाए जाने के लिए 166 पीलर खड़े किए जा चुके हैं। गर्भगृह के चारों तरफ 4 मीटर चौड़े परिक्रमा मार्ग को भी तैयार किया जा रहा है। 

गर्भगृह के आगे होगा कोली मंडप

चंपत राय ने कहा कि गर्भगृह को तैयार करने के लिए सफेद संगमरमर के शिलाओं को लगाया जा रहा है। मंदिर के भव्य स्वरूप के साथ भगवान के दिव्य स्वरूप का दर्शन हो सके इसलिए गर्भगृह के आगे कोली मंडप होगा। इसके आगे गुड मंडप, जिसके उत्तर और दक्षिण दिशा में दो कीर्तन मंडप होंगे। उसके आगे रंग मंडप और नित्य मंडप होगा। इन दोनों मंडप के चारों ओर कोई भी दीवार नहीं होगी, जिसके आगे प्रवेश द्वार होगा। जहां से अनिवार्य श्रद्धालु राम मंदिर में प्रवेश करेंगे।

परिसर में एक साथ खड़े हो सकते हैं 50 हजार श्रद्धालु

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा के मुताबिक अयोध्या में भगवान रामलला का मंदिर अनोखा होगा। 300 फीट लंबा और 250 फीट चौड़े मंदिर को आकर्षक नक्काशीदार पत्थरों से तैयार किया जा रहा है, जिसके परिसर में 50,000 से अधिक श्रद्धालु एक साथ खड़े होने की भी व्यवस्था है। 

ये भी पढ़ें:- व्यापारियों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं - वेद गुप्त