विश्व में सर्वश्रेष्ठ है रामपुर की रजा लाइब्रेरी, पूर्व आईएफएस अधिकारी मोनिका ने की तारीफ

भारतीय संस्कृति दुनिया भर के लिए एक मिसाल, डीएमए में इंटैक द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुईं विदेश मंत्रालय की पूर्व सचिव व राजनयिक

विश्व में सर्वश्रेष्ठ है रामपुर की रजा लाइब्रेरी, पूर्व आईएफएस अधिकारी मोनिका ने की तारीफ

रामपुर, अमृत विचार। कई देशों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके दो पूर्व राजनयिकों ने विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया। इससे पहले उनका नूर महल में पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने जोरदार स्वागत किया। वो इंटैक के कार्यक्रम में डीएमए में स्टूडेंट्स से मुखातिब हुए और रजा लाइब्रेरी देखने पहुंचे और रामपुर रजा लाइब्रेरी को विश्व में सर्वश्रेष्ठ बताया।

पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने आमंत्रण पर पूर्व आईएफएस अधिकारी मोनिका कपिल मोहता और डॉ. मधुप मोहता का नूर महल पहुंचने पर फूल मालाएं पहनाकर पारंपरिक रूप से स्वागत किया गया। पूर्व मंत्री के पीआरओ काशिफ खां ने बताया कि मोनिका कपिल मोहता विदेश मंत्रालय में सचिव और कई देशों में भारत की राजदूत रही हैं। उन्होंने पौलेंड, लिथुआनिया, स्वीडन, लेटविया और स्विट्जरलैंड में बतौर भारतीय राजदूत अपनी जिम्मेदारी निभाई है। उन्होंने बताया कि डॉ मधुप मोहता ने भी राजनयिक के रूप में कई देशों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है और वह लेखक भी हैं।

इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इंटैक) की ओर से दयावती मोदी एकेडमी में आयोजित कार्यक्रम में मोनिका कपिल मोहता ने कहा कि भारत आज बहुत आगे जा चुका है और हर क्षेत्र में प्रगतिशील है। हमारी संस्कृति दुनियाभर के लिए मिसाल है। यही वजह है कि जी-20 सम्मेलन हमारे देश में हो रहा है। उन्होंने स्टूडेंट्स को विदेश सेवा के तैयारी के टिप्स भी दिए। डा. मधुप मोहता ने रियासतकाल में रामपुर के नवाबों के कार्यों की प्रशंसा की। 

उन्होंने कहा कि रामपुर में लोगों को बुनियादी सुविधाएं हासिल थीं कहा कि ब्रिटिश राज में रामपुर गुलाम नहीं था। कहा कि रामपुर के नवाब  कला, संस्कृति और साहित्य के संरक्षक थे। शायर मिर्जा गालिब, दाग देहलवी और अमीर मीनाई से लेकर अभिनेता प्राण और रजा मुराद तक रामपुर की खास पहचान हैं। दोनों पूर्व राजनयिकों ने स्टूडेंट्स के सवालों के जवाब भी दिए। डीएमए में प्रिंसिपल डा. सुमन तोमर व आदित्य वर्मा ने मोनिका कपिल मोहता, डा. मधुप मोहता और सिद्धांत मोहता को स्मृति चिह्न भेंट किए।  नवेद मियां ने उन्हें वाल्मीकि रामायण भेंट की।

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