पश्चिम बंगाल: केंद्र के ‘‘भेदभावपूर्ण’’ रवैये के विरोध में ममता बनर्जी का धरना 

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Published By Om Parkash chaubey
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल के प्रति केंद्र के कथित भेदभावपूर्ण रवैये के विरोध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में बुधवार को दो दिवसीय धरना प्रदर्शन शुरू किया। बनर्जी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं फरहाद हकीम, अरूप विश्वास, सुब्रत बख्शी और सोवनदेब चट्टोपाध्याय के साथ दोपहर को रेड रोड पर डॉ. बी आर आम्बेडकर की प्रतिमा के सामने पहुंची तथा राज्य को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) और अन्य आवासीय एवं सड़क विभाग की योजनाओं के तहत केंद्र द्वारा निधि कथित रूप से जारी नहीं किए जाने के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया।

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यह धरना प्रदर्शन बृहस्पतिवार शाम तक जारी रहेगा। ममता ने 12,000 किलोमीट ग्रामीण सड़कों के निर्माण संबंधी एक परियोजना का उद्घाटन करते हुए मंगलवार को कहा था, ‘‘केंद्र ने मनरेगा और इंदिरा आवास योजना (ग्रामीण) के लिए धन जारी करना बंद कर दिया है। इसके अलावा, केंद्र ने ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) छात्रों के लिए छात्रवृत्ति भी बंद कर दी है।’’

उन्होंने आरोप लगाया था कि मनरेगा के तहत काम पूरा करने वाले राज्यों की सूची में शीर्ष पर होने के बावजूद केंद्र ने इस योजना के तहत लंबित 7,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी नहीं की है। उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल को केंद्र से उसका बकाया नहीं मिला है और इस साल के बजट में भी राज्य के लिए कुछ नहीं है।

उन्होंने कहा था, ‘‘इसलिए, पश्चिम बंगााल के खिलाफ केंद्र के भेदभावपूर्ण रवैये के विरोध में मैं, बतौर मुख्यमंत्री 29 मार्च से कोलकाता में डॉ बी.आर. आंबेडकर की प्रतिमा के सामने धरना प्रदर्शन करूंगी और इसे 30 मार्च की शाम तक जारी रखूंगी।’’ 

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