VIDEO : IIMC में बोले अनुराग ठाकुर- दुनिया का सबसे खतरनाक वायरस है 'फेक न्यूज'

VIDEO : IIMC में बोले अनुराग ठाकुर- दुनिया का सबसे खतरनाक वायरस है 'फेक न्यूज'

नई दिल्ली। सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने फर्जी खबरों पर लगाम लगाने के लिए फैक्ट चेक को महत्वपूर्ण बताया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दुनिया का सबसे खतरनाक वायरस फर्जी सूचनाएं हैं। उन्होंने भारतीय जनसंचार संस्थान में सूचना सेवा ग्रुप ए के प्रशिक्षु अधिकारियों के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए हर व्यक्ति तक सही सूचनाएं पहुंचे यह जरूरी है। इसके लिए बेहतर संचार समय की आवश्यकता है। 

उन्होंने कहा सरकार और लोगों के बीच दूरी को कम करने में सूचनाएं और सटीकता महती भूमिका निभाती हैं। इससे फैसले लेने की प्रक्रिया में लोगों की सहभागिता बढ़ती है और सरकारी नीतियों के प्रति लोगों का विश्वास जगता है। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि फर्जी खबरों के युग मे लोगों तक सही जानकारी पहुंचाना ही भारतीय सूचना सेवा अधिकारियों की जिम्मेदारी है। 

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने फेक न्यू' पर लगाम लगाने के लिए फैक्ट चेक को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि दुनिया का सबसे खतरनाक वायरस फर्जी सूचनाएं हैं। शुक्रवार को भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) में भारतीय सूचना सेवा (आईआईएस) ग्रुप ए के प्रशिक्षु अधिकारियों के समापन समारोह को संबोधित करते हुए अनुराग ठाकुर का कहना था कि लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति तक सही जानकारियां पहुंचाना महत्वपूर्ण है।

समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में विचार व्यक्त करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार और लोगों के बीच दूरी घटाने में बेहतर कम्युनिकेशन महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे लोगों में सरकार के प्रति विश्‍वास जागता है और निर्णय लेने की प्रक्रिया में उनकी भागीदारी बढ़ती है।

उन्होंने कहा कि फेक न्यूज के दौर में लोगों तक सही जानकारी पहुंचाना भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों की जिम्मेदारी है। सही सूचना के प्रयोग से आम आदमी किसी भी विषय पर सही निर्णय ले सकता है। इसलिए मीडिया और सोशल मीडिया के बदलते समय में सरकारी सूचना तंत्र के अधिकारियों को यह तय करना है कि जनता तक सही जानकारी पहुंचे।

अनुराग ठाकुर के अनुसार, ब्रेकिंग न्यूज के इस दौर में एक शब्द अत्यंत प्रचलित हुआ है और उसके अनेक परिणाम और दुष्परिणाम भी देखने को मिले हैं। ये शब्द है ‘इन्फोडेमिक'। आम बोलचाल की भाषा में इसे सूचनाओं का विस्फोट कहा जा सकता है। ऐसे समय में आईआईएस अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे सिर्फ सूचनाओं को ही जनता तक न पहुंचाएं, बल्कि उनमें वैल्यू एडिशन भी करें, ताकि मीडिया उन सूचनाओं को प्राथमिकता से प्रसारित करे।

प्रभावशाली कम्युनिकेशन के महत्व को रेखांकित करते हुए अनुराग ठाकुर का कहना था कि सूचना एक शक्ति की तरह है, जिसका इस्‍तेमाल भारत के हित में, लोकतंत्र को मजबूती देने और लोगों के सशक्‍तीकरण में करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि आप सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में आम जनता को उनकी भाषा में सूचित करते हैं, तो उसका प्रभाव बेहतर और लंबे वक्त तक रहता है।

इस अवसर पर पत्र सूचना कार्यालय (PIB) के प्रधान महानिदेशक राजेश मल्होत्रा, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव संजीव शंकर, आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी एवं अपर महानिदेशक आशीष गोयल सहित वर्ष 2018, 2019 एवं 2020 बैच के भारतीय सूचना सेवा (आईआईएस) के 52 प्रशिक्षु अधिकारी भी उपस्थित रहे।

ये भी पढ़ें : भारत के अधिकांश हिस्सों में अप्रैल-जून में सामान्य से अधिक गर्मी की आशंका: आईएमडी