Allahabad High Court: ग्राम प्रधान के खिलाफ आरटीआई डालने पर अधिवक्ता पर हुई कार्यवाही

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Published By Deepak Mishra
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प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष एक पत्र याचिका दाखिल कर एक युवा अधिवक्ता और उसके परिवार के सदस्यों की गिरफ्तारी की सीबीआई या अन्य स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग की गई है। गाजीपुर निवासी अधिवक्ता शिव कुमार यादव दिल्ली में प्रैक्टिस करते हैं। अधिवक्ता ने 30 जुलाई, 2021 को ग्राम पंचायत-सरवरपुर, जिला- गाजीपुर, (उ.प्र.) से संबंधित जानकारी मांगने के लिए एक ऑनलाइन आरटीआई आवेदन दाखिल किया।

आरटीआई आवेदन दाखिल करने के बाद ग्राम प्रधान के बेटे ने अधिवक्ता को बुलाया और उनसे समझौता करने के लिए कहा और धमकी भी दी कि अगर वह अन्यथा निर्णय लेते हैं तो परिणाम के लिए तैयार रहें। इसके बाद अधिवक्ता ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी। हालांकि अधिवक्ता के समझौते से इनकार करने पर उनके बड़े भाई और चचेरे भाई के खिलाफ 4 नवंबर, 2021 को भारतीय दंड संहिता तथा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 3(2) (वीए) के तहत मामला दर्ज करवाया गया।

अधिवक्ता के खिलाफ भी सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी कोर्ट, गाजीपुर के समक्ष शिकायत की गई थी। पत्र याचिका में कहा गया है कि दोनों मामले यानी प्राथमिकी और शिकायत मामला, एक ही महिला द्वारा अपराध के घटित होने के स्थान को थोड़ा बदलकर दर्ज किया गया था।इतना ही नहीं 21 जून 2022 को अधिवक्ता के पिता के खिलाफ भी खानपुर थाना, गाजीपुर में एक और प्राथमिकी दर्ज करायी गयी।

पत्र याचिका में आगे कहा गया है कि आरटीआई दाखिल करने और आरटीआई अधिनियम, 2005 के तहत पहली अपील के बाद एक बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार का पता चला था और बहुत प्रयास के बाद एक जांच का आदेश दिया गया था,लेकिन आरोपियों के खिलाफ किसी भी कार्रवाई के बजाय अधिकारियों ने अधिवक्ता के खिलाफ ही कार्यवाही शुरू कर दी। पत्र याचिका के अनुसार अधिवक्ता फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। उक्त याचिका अधिवक्ता सौरभ तिवारी के माध्यम से दाखिल करवाई गई है।

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