हल्द्वानी: शेर अली बाबा मजार को वन भूमि से हटाए जाने को वन विभाग ने भेजा नोटिस

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Published By Shweta Kalakoti
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हल्द्वानी वन डिवीजन ने मजार के सचिव को तामील कराया बेदखली का नोटिस

हल्द्वानी, अमृत विचार। वन विभाग ने काठगोदाम स्थित शेर अली बाबा की मजार को वन भूमि पर काबिज होने का दावा करते हुए मजार सचिव को बेदखली का नोटिस दिया है।

हल्द्वानी वन डिवीजन के डीएफओ बाबूलाल की ओर से मजार के सचिव हसमत अली को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि शेर अली बाबा की मजार डिवीजन की छकाता रेंज की सुल्तान नगरी बीट के अंतर्गत आती है। यह मजार वन भूमि पर बनी हुई है।

नोटिस में उत्तर प्रदेश सरकार का 25 जून 1966 के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि इस भूमि को आरक्षित वन भूमि बनाने का प्रस्ताव किया गया था। भूमि पर अधिकारों के दावों को पेश करने की अवधि समाप्त होने के बाद 1 मार्च 1968 को इस भूमि को रक्षित वन घोषित किया है।

वन संरक्षण अधिनियम-1980 के अनुसार आरक्षित वन भूमि में केंद्र सरकार की अनुमति व अनुमोदन के बिना कोई भी गैर वानिकी कार्य नहीं हो सकता है। सुल्तान नगरी बीट में मजार एवं भवन कुल 75x46 मीटर वन भूमि पर स्थित है। सचिव को धारा 61 (क) के अंतर्गत वन भूमि से अवैध कब्जा हटाए। सचिव हसमत अली को 25 मई तक अपना पक्ष रखने का समय दिया गया है।