Kanpur News : उर्सला में दिल के रोगियों को करना होगा अभी और इंतजार, इन कारणों से नहीं बन सकी कार्डियो यूनिट

कानपुर के उर्सला अस्पताल में कार्डियो यूनिट पांच साल बीतने के बाद भी नहीं बन सकी।

Kanpur News : उर्सला में दिल के रोगियों को करना होगा अभी और इंतजार, इन कारणों से नहीं बन सकी कार्डियो यूनिट

कानपुर के उर्सला अस्पताल में चार बेड की कार्डियो यूनिट पांच साल बीतने के बाद भी नहीं बन सकी। यूनिट के संचालन को डेढ़ करोड़ रुपये मिले थे।

कानपुर, अमृत विचार। उर्सला अस्पताल में दिल के रोगियों को इलाज के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि चार बेड की कार्डियो यूनिट पांच साल बीतने के बाद भी नहीं बन सकी है। अस्पताल प्रशासन को भी एनएचएम  से स्टॉफ और यूनिट में सभी सहायक उपकरण मिलने का इंतजार है। जिसके मिलने के बाद ही अस्पताल में दिल के मरीजों का इलाज हो सकेगा। 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) ने गैर संचारी रोग (एनसीडी) के तहत वर्ष 2018 में उर्सला अस्पताल को चार बेड की कार्डियो यूनिट के लिए डेढ़ करोड़ रुपये दिए थे, जिसमें से 1.35 करोड़ से उपकरण और 15 लाख रुपये से सिविल कार्य होना था। साथ ही यूनिट के संचालन के लिए स्टॉफ की तैनाती होनी थी, लेकिन किसी कारण काम धरातल में नहीं उतर सका।

जिस कारण दिल के मरीजों का इलाज अस्पताल में नहीं हो पा रहा है। बता दें कि तत्कालीन सीएमओ डॉ. अशोक शुक्ला ने 21 प्रकार के उपकरण खरीदने के बाद उर्सला अस्पताल के तत्कालीन निदेशक से बात की थी। इस पर तत्कालीन निदेशक ने नाराजगी जाहिर करते हुए सूची के सभी उपकरणों का मिलान कराया था, जिसमें सिर्फ नौ उपकरण ही मिले थे।

बाकि उपकरण भेजे जाने के लिए सीएमओ को पत्र लिखा गया था। साथ ही एनएचएम  से भी स्टॉफ की मांग की गई थी, कुछ दिनों तक हलचल रहने के बाद कार्डियो यूनिट की स्थापना के बारे में स्वास्थ्य अधिकारी भूल गए। जबकि अस्पताल में प्रतिदिन 20 से 25 मरीज ओपीडी व इमरजेंसी में इलाज की आस में आते है। गंभीर रूप से बीमार मरीजों को उर्सला से कार्डियोलॉजी रेफर करना पड़ता है। सीएमओ डॉ. आलोक रंजन ने बताया कि उर्सला की कार्डियो यूनिट से सीएमओ का मतलब नहीं है, उसके लिए निदेशक है। 

21 में से मिले थे सिर्फ नौ उपकरण 

उर्सला के निदेशक डॉ.एसपी चौधरी ने बताया कि कार्डियो यूनिट के लिए 10 हाई बैक रिवाल्विंग चेयर, 20 आफिस व विजिटर चेयर, आठ बड़ी अलमीरा, छह विजिटर आफिस चेयर, चार क्रश कार्ट, 10 आक्सीजन सिलिंडर, 10 छोटी एसएस ट्रे, 10 अटेंडेंट बेंच, 10 आक्सीजन रेगुलेटर मिले थे। जबकि सूची में उस समय 21 उपकरण शामिल बताए जा रहे है। सभी उपकरणों के साथ एनएचएम के तहत दिल के डाक्टर, नर्सिंग स्टाफ, वार्ड ब्वाय, टीएमटी टेक्नीशियन, एक्सरे टेक्नीशियन, डार्क रूम असिस्टेंट व सफाई कर्मी समेत 13 कर्मचारी मिलने पर ही कार्डियक यूनिट शुरू हो सकेगी। ताकि अस्पताल में आने वाले दिल के मरीजों का इलाज हो सके। 

खत्म हुई उपकरणों की वारंटी 

उर्सला अस्पताल के डॉ.शैलेंद्र तिवारी का कहना है कि करीब पांच साल पहले बेड साइड मानीटर, सेंट्रल मानीटर, डिफ्लेबुलेटर (हार्ट फेल्योर पर दिल को करंट देने वाली मशीन), टीएमटी, इको, एबीजी मशीन, वेंटिलेटर, फाउलर बेड, ईसीजी मशीन, अल्ट्रासाउंड मशीन, एक्सरे मशीन व 12 इंफ्यूजन पंप खरीदे गए थे, जिसकी वारंटी अब खत्म हो चुकी है।

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