बरेली: विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर शिविर का आयोजन, IVRI अस्पताल में 154 लोगों की जांच

बरेली: विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर शिविर का आयोजन, IVRI अस्पताल में 154 लोगों की जांच

बरेली, अमृत विचार। तंबाकू पूरी दुनिया को प्रभावित करने वाली अकेली सबसे अधिक रोकी जा सकने वाली महामारी है। हर वर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। धूम्रपान या धूम्रपान रहित तंबाकू की आदत के आदी होने के कई कारण हैं लेकिन मुख्य पदार्थ जो तंबाकू के उपयोग के बाद परमानंद देता है वह निकोटीन है। निकोटिन लेने की प्रक्रिया में कई अन्य हानिकारक पदार्थ लिए जा रहे हैं, जिनमें कार्बन मोनोऑक्साइड सबसे अधिक हानिकारक है। तंबाकू के उपयोग के खतरे असंख्य हैं जिनमें कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक, फेफड़ों के रोग, मधुमेह, और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) शामिल हैं, जिसमें वातस्फीति और जीर्ण श्वसनीशोथ शामिल हैं।

शिविर

इसलिए इस वर्ष आईवीआरआई अस्पताल में तंबाकू और इसके दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक शिविर का आयोजन किया गया। शिविर सुबह 10 बजे शुरू हुआ, जहां लगभग 154 रोगियों की मौखिक जांच की गई और उनसे धूम्रपान की स्थिति के बारे में भी पूछा गया। वहीं तंबाकू की आदत वाले रोगियों को धूम्रपान छोड़ने की सलाह दी गई। पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों के पास स्मोक्लीज़र भी था और कार्बनमोनोऑक्साइड का स्तर दर्ज किया गया और रोगियों को दिखाया गया। 

सेम

इस महत्वपूर्ण अवसर पर बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डॉ. केशव अग्रवाल ने तंबाकू छोड़ने के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने बरेली शहर में तंबाकू सेवन के कारण फेफड़े और मुंह के कैंसर के कई मामले देखे हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि चिकित्सा और दंत चिकित्सा संस्थान जागरूकता फैलाने और लोगों को आदत छोड़ने में मदद करने के इस नेक काम के लिए प्रतिबद्ध हैं। 

वहीं यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर डॉ. अशोक अग्रवाल ने जोर देकर कहा कि जो लोग धूम्रपान करते हैं वे आर्थिक रूप से धूम्रपान छोड़ने के लाभों को देख सकते हैं क्योंकि इस पैसे का उपयोग अपने बच्चों की स्कूल फीस का भुगतान करने जैसी कहीं अधिक महत्वपूर्ण चीजों के लिए किया जा सकता है।

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वहीं डेंटल साइंसेस के प्रिंसिपल डॉ. सत्यजीत नाइक ने बताया कि भारत में हर साल करीब 13.5 लाख लोग इस आदत की वजह से मरते हैं। इसलिए, स्वयं के लिए धूम्रपान छोड़ना महत्वपूर्ण है। डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री के एचओडी डॉ. शिवलिंगेश केके ने बताया कि इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंस बरेली में ही तंबाकू नशामुक्ति परामर्श केंद्र है। निःशुल्क तम्बाकू समाप्ति परामर्श के लिए मरीजों का हमेशा स्वागत किया जाता है।

इस अवसर पर डॉ. चंचल गंगवार ने यह भी कहा कि तंबाकू के सेवन से हृदय रोग, स्ट्रोक, कैंसर और मधुमेह होता है धूम्रपान छोड़ना एक चुनौतीपूर्ण यात्रा हो सकती है, लेकिन सही सहयोग से व्यक्ति तंबाकू की लत पर सफलतापूर्वक काबू पा सकते हैं। इस दौरान डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री के स्नातकोत्तर छात्र डॉ. अनुष्ठा, डॉ. कृष्णा, डॉ. प्रसन्नजीत, डॉ. सार्थक, डॉ. अर्जुन, डॉ. पलक, डॉ. पल्लवी, डॉ. ज्योत्सना मौजूद रहे। उन्होंने मरीजों की जांच की और उन्हें तंबाकू छोड़ने की सलाह भी दी।

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