प्रयागराज : भारतीय महिलाएं यौन उत्पीड़न की झूठी कहानी नहीं कहतीं

Amrit Vichar Network
Published By Pradumn Upadhyay
On

अमृत विचार, प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपी को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि किसी महिला के लिए यौन उत्पीड़न की शिकार होने की झूठी कहानी प्रस्तुत करना असामान्य होगा। हमारे देश में यौन उत्पीड़न की शिकार महिला किसी पर झूठा आरोप लगाने के बजाय उसे चुपचाप सहती रहती है। जब तक वह वास्तव में यौन अपराध का शिकार नहीं होती, तब तक वह असली अपराधी के अलावा किसी और को दोष नहीं देगी।

उक्त टिप्पणी न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की एकलपीठ ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 3/4 के तहत दर्ज मामले की सुनवाई के दौरान दिया। प्राथमिकी के अनुसार आरोपी ने 22 अगस्त 2022 को एक नाबालिग लड़की को जबरदस्ती सुनसान जगह पर ले जाकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और अगले दिन उसे उसके बाहरी इलाके में छोड़ दिया। गांव में किसी को कुछ बताने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। तत्पश्चात 31 अगस्त 2022 को पुलिस अधीक्षक (जन शिकायत प्रकोष्ठ), संभल के हस्तक्षेप के बाद आरोपी के खिलाफ थाना राजपुरा, संभल में आरोपी आशाराम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जा सकी और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

अभियुक्त ने इस आधार पर जमानत की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया कि पीड़िता ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत यह कहा है कि आरोपी ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया है। उसने दुष्कर्म के कोई विशेष आरोप नहीं लगाए। इसके साथ ही पीड़िता की मेडिकल जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोपी ने आगे कहा कि पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट से किसी प्रकार के यौन शोषण की पुष्टि नहीं होती है। मामले की परिस्थितियों को देखते हुए अदालत ने सीआरपीसी की धारा 161 तथा 164 के तहत पीड़िता के बयान पर ध्यान दिया और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए यह माना कि महिला के अंगों में पुरुष अंगों का मामूली प्रवेश भी दुष्कर्म के बराबर है।

अंत में आरोपी को जमानत देने से इनकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि अदालत को देश में विशेष रूप से ग्रामीण भारत में प्रचलित मूल्यों को ध्यान में रखना चाहिए। महिला के लिए किसी निर्दोष व्यक्ति को फंसाने के लिए यौन उत्पीड़न की शिकार होने की बात कहना असामान्य होगा। भारतीय परिवेश में यौन उत्पीड़न की शिकार महिला किसी को झूठा फंसाने के बजाय चुप रहना पसंद करती है। दुष्कर्म पीड़िता का कोई भी बयान उसके खुद के लिए बेहद अपमानजनक अनुभव होता है।

ये भी पढ़ें - प्रयागराज : बारात से लौट रहे मामा भांजे पर जानलेवा हमला, भांजे की मौत, मामा का हालत गंभीर

संबंधित समाचार