रानीखेत: पांच साल से बदहाल पंतकोटुली-वलना मार्ग पर अब पैदल चलना भी दूभर
विगत दिनों हुई बारिश के बाद सड़क और जर्जर
रानीखेत, अमृत विचार। पर्यटक नगरी से 10 किलोमीटर की दूरी पर पंतकोटुली-वलना मार्ग पांच साल से बदहाल है। विगत दिनों हुई बारिश के बाद इस सड़क पर अब ग्रामीणों का पैदल चलना तक दूभर हो गया है।
गौरतलब है कि रानीखेत से इस संपर्क मार्ग द्वारा कफड़ा, द्वाराहाट सहित कई क्षेत्रों की दूरी लगभग 12 किलोमीटर कम हो जाने से ज्यादातर वाहन एवं लोग इस मार्ग से ही दिन रात गुजरते हैं, लेकिन दर्जनों बार अपनी गुहार क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों एवं लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड के अधिकारियों के पास लगाने के बाद भी मार्ग पर बसे सैकड़ों परिवारों का कोई सुधलेवा नहीं है।
आलम यह हो चला है कि कुटौड़ा पुल से 2 किलोमीटर पहले सड़क इतनी बदहाल हो चुकी है कि पिछले कुछ सप्ताह में कई ग्रामीण गिरकर बुरी तरह से चोटिल भी हो चुके हैं। कुटौड़ा वलना पुल से रानीखेत की ओर लगभग 2 किलोमीटर सड़क 5 वर्ष पूर्व काटी गई थी। इस सड़क के आसपास लगे किसानों के खेतों को उस समय भारी नुकसान पहुंचा था।
ग्रामीणों ने विकास कार्य को देखते हुए मुआवजे और उनके खेतों के संरक्षण की उम्मीद लोक निर्माण विभाग से की थी, लेकिन वर्तमान समय तक ग्रामीणों के सड़क में कटे खेतों का मुआवजा नहीं मिल पाया और ना ही कटान में नेस्तनाबूत हुए उनके खेतों को एक अदद चारदीवारी।
पांच वर्ष से भी अधिक समय बाद भी यह सड़क न बन पाने से ग्रामीणों के कई खेत बरसात में बहकर सड़क पर आ गए, लेकिन लोक निर्माण विभाग की ओर से उनके खेतों के बचाव के लिए कोई उपाय नहीं किये गए। अब इस सड़क का हाल ये है की सड़क में बन चुके बड़े बड़े गड्ढे ,नुकीले पत्थर अब किसी बड़ी दुर्घटना का सबब बन रहे हैं।
ग्राम प्रधान वलना राजेंद्र पंत का कहना है की दर्जनों बार वह संयुक्त मजिस्ट्रेट कार्यालय, लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों, ब्लॉक ताड़ीखेत एवं स्थानीय विधायक के पास जाकर सड़क निर्माण के लिए गुहार लगा चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। हर बार सिर्फ बजट की बात कहकर मामले को टाल दिया।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य राजेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि पिछले 5 वर्ष से भी अधिक समय बीतने पर भी ग्रामीणों की इस विकट समस्या पर कोई सुनवाई ना होना स्थानीय प्रशासन एवं जन प्रतिनिधियों के विकास के दावों की भी पोल खोलता है। सड़क की बदहाली एवं इस मार्ग से जुड़े कई गांवों की लगातार अनदेखी से तंग ग्रामीणों ने अतिशीघ्र सड़क निर्माण कार्य शुरू ना होने पर अब आंदोलन प्रारंभ करने की चेतावनी दी है।
