काशीपुर: एसटीएफ व पुलिस ने पकड़ी नकली सीमेंट बनाने की फैक्ट्री

काशीपुर: एसटीएफ व पुलिस ने पकड़ी नकली सीमेंट बनाने की फैक्ट्री

काशीपुर, अमृत विचार। एसटीएफ और पुलिस ने नकली सीमेंट बनाने की फैक्ट्री पकड़कर 1250 नकली सीमेंट के कट्टे व उपकरण बरामद किए हैं। पुलिस ने सीमेंट से लदे दो वाहन भी कब्जे में लिए हैं। इस दौरान पुलिस ने एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी व कॉपीराइट एक्ट में केस दर्ज किया है।

 मामले को खुलासा करते हुए रविवार को एसपी सिटी अभय सिंह और एसटीएफ कुमाऊं प्रभारी एमपी सिंह ने बताया कि शनिवार की रात मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ व कोतवाली पुलिस ने टांडा उज्जैन क्षेत्र में दबिश देकर बड़े-बड़े गोदामों में छापा मारा तो वहां नकली सीमेंट बनाने की फैक्ट्री मिली।

इस दौरान दो ट्रक नकली सीमेंट से भरे हुए और फैक्ट्री के अंदर से भारी मात्रा में नकली सीमेंट के खाली कट्टे व नकली सीमेंट बनाने के उपकरण बरामद हुए। पुलिस ने मौके पर मौजूद कमल सागर निवासी उझहरी, टोनरिया थाना नगरी जिला मुरादाबाद, यूपी को गिरफ्तार किया है।

पूछताछ में उसने बताया कि फैक्ट्री का असली मालिक पत्थर खेड़ा थाना भोट जिला रामपुर, यूपी निवासी वसीम है और वह वसीम का मुंशी है। पुलिस ने वसीम की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस ने आरोपी कमल सागर के खिलाफ संबंधित धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर उसे कोर्ट में पेश किया। जहां से पुलिस ने उसे जेल भेज दिया।

एसटीएफ की इस कार्रवाई में मुख्य आरक्षी जगपाल सिंह की विशेष भूमिका रही। पुलिस टीम में एसटीएफ प्रभारी एमपी सिंह, उपनिरीक्षक केजी मठपाल, मुख्य आरक्षी जगपाल सिंह, संजय कुमार, नवीन कुमार, काशीपुर कोतवाल मनोज रतूड़ी, उपनिरीक्षक मनोज जोशी, संतोष कुमार देवरानी व कंचन पडलिया, कांस्टेबल मनोज कुमार शामिल रहे।


सीमेंट कंपनी के एक अधिकारी ने की नकली सीमेंट की पुष्टि
काशीपुर। पुलिस के अनुसार आरोपी नकली सीमेंट बनाकर उन्हें नामी कंपनियों के कट्टों में पैक करते थे। मौके से पुलिस को अलग-अलग ब्रांड के खाली कट्टे भी बरामद हुए है। नकली सीमेंट की पुष्टि एक सीमेंट कंपनी के अधिकारी संजय शर्मा ने पहुंचकर की। उन्होंने बताया कि खाली कट्टों पर उनकी कंपनी का नाम छपा हुआ है, जोकि आरोपियों ने फर्जी तरीके से छपवाया और कट्टों में बैच व एमआरपी भी स्पष्ट नहीं है और भिन्न है। जबकि उनकी कंपनी में बैच व एमआरपी स्पष्ट व लेजर डॉटेड तरीके से कट्टों पर अंकित की जाती है।