महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री ने की मुस्लिम छात्रों के लिए कोटा बहाल करने की मांग 

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Published By Om Parkash chaubey
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मुंबई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नसीम खान ने मुसलमानों के लिए शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण को बहाल करने की मांग की है। खान ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद संगठन के माध्यम से यूपीएससी की परीक्षा पास हुए तीन छात्रों को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय के उत्थान के लिए, शिक्षा एवं सरकारी नौकरी में आरक्षण बहुत आवश्यक हे।

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उन्होंने कहा कि सैयद हुसैन, आइशा काजी, शबीना अंसारी बहुत ही साधारण परिवार से आते हैं और उन्होंने कठिन परिश्रम करते हुए यह उपलब्धि हासिल की है। चार बार पूर्व विधायक रहे खान, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और वह पूर्व में गृह एवं अल्पसंख्यक मामले सहित कई मंत्रालयों का कार्यभार संभाल चुके हैं।

खान को मदरसों का आधुनिकीकरण की योजना बनाने का श्रेय भी प्रदान किया जाता है। उन्होंन कहा कि मुस्लिम छात्रों को सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है और आरक्षण उन्हें मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक लंबा मार्ग तय करेगा। इसका उद्देश्य छात्रों को मुख्यधारा में लाना है जिससे वे इस प्रतिस्पर्धी दुनिया में अपनी भागीदारी को समान रूप से निर्धारित कर सकें।

उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस-राकांपा लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार 1999-2014 तक सत्ता में थी तब इस दिशा में बहुत प्रयास किए गए और अंतत: यह सुनिश्चित किया कि मुस्लिमों एवं मराठा समुदाय के लोगों को आरक्षण प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस-राकांपा सरकार ने 2014 में एक अध्यादेश जारी किया था जिसके अंतर्गत मुस्लिम समुदाय को 05 प्रतिशत और मराठा समुदाय को 16 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया था।

हालांकि, राज्य की सत्ता में आने और 2014-19 तक शासन करने वाली भाजपा-शिवसेना सरकार ने मराठों के लिए एक कानून तो बनाया लेकिन मुस्लिम समुदाय को इस कानून से बाहर कर दिया। खान ने कहा कि जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की महा विकास अघाड़ी सरकार सत्ता में आई तो उन्होंने मुसलमानों के लिए कोटा बहाल करने की मांग सरकार के सामने उठायी।

उन्होंने कहा,“ मैं एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली शिवसेना-भाजपा सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं कि मुसलमानों को आरक्षण प्रदान किया जाए और यह एक मील का पत्थर साबित होगा।”

नसीम खान ने कहा कि हाल ही में उन्होंने राज्य में नियुक्त हुए नए राज्यपाल रमेश बैस को भी फोन किया था और राज्य सरकार को मुस्लिम कोटा बहाल करने का निर्देश जारी करने का आग्रह भी किया था। खान ने कहा कि सच्चर समिति की रिपोर्ट की भावना को बनाए रखना चाहिए। 

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