केरल में अंक सूची विवाद के पीछे बड़ी साज़िश: माकपा 

Amrit Vichar Network
Published By Ashpreet
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तिरुवनंतपुरम। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के एक नेता से संबंधित कथित अंक सूची विवाद को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने बुधवार को दावा किया कि इस विवाद के पीछे एक बड़ी साज़िश है और ऐसे फर्जी आरोपों के लिए जिम्मेदार ताकतों का पर्दाफाश करने के वास्ते व्यापक जांच की जरूरत है।

एर्नाकुलम में महाराजा कॉलेज के छात्र और एसएफआई के राज्य सचिव पीएम अर्शो की कथित अंक सूची सामने आने के बाद विवाद खड़ा हो गया। अंक सूची में बताया गया है कि वह परीक्षा में "उत्तीर्ण" हो गए हैं जबकि उन्होंने इम्तिहान ही नहीं दिया था। वामपंथी छात्र संगठन की पूर्व कार्यकर्ता के. विद्या भी तब मुसीबत में फंस गई जब यह बात सामने आई कि उन्होंने दूसरे कॉलेज में शिक्षिका की नौकरी के लिए महाराजा कॉलेज से कथित रूप से फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लिया था। एसएफआई माकपा की छात्रा ईकाई है।

अंक सूची मामले में एसएफआई नेता पर लगे आरोपों पर पूछे जाने पर माकपा के राज्य सचिव एम वी गोविंदन ने कहा कि वामपंथी संगठन के खिलाफ बड़ी साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा,  एसएफआई की छवि खराब करने वाली खबरों के लिए जिम्मेदार ताकत का पता लगाने के लिए व्यापक जांच की जानी चाहिए।

गोविंदन ने कहा, "दोनों घटनाओं में पार्टी और सरकार को किसी को बचाने की जरूरत नहीं है।" मीडिया पर आरोपों के आधार पर वामपंथी संगठन के खिलाफ रुख अख्तियार करने का आरोप लगाते हुए, उन्होंने पूछा कि कोई व्यक्ति परीक्षा दिए बिना कैसे उत्तीर्ण हो सकता है? अंक सूची के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए माकपा के वरिष्ठ नेता ए विजय राघवन ने कहा कि यह सिर्फ एक "तकनीकी त्रुटि" थी।

उन्होंने कहा कि इस मामले को जानबूझकर माकपा विरोधी प्रचार के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। एसएफआई की पूर्व नेता पर लगे अनुभव प्रमाण पत्र में जालसाजी के आरोपों पर उन्होंने कहा कि अगर किसी ने कदाचार किया है, तो उसे कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा। इस बीच, कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने इन आरोपों को लेकर एसएफआई नेतृत्व को आड़े हाथों लिया और गोविंदन पर आरोपियों को बचाने का इल्ज़ाम लगाया।

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