कर्नाटक सरकार प्राप्त करेगी सामाजिक-आर्थिक जातिगत सर्वेक्षण रिपोर्ट : सिद्धरमैया 

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Published By Om Parkash chaubey
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बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को कहा कि वह अपने नेतृत्व वाली पूर्व सरकार के दौरान स्थायी पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा किए गए सामाजिक-आर्थिक जातिगत सर्वेक्षण की रिपोर्ट प्राप्त करेंगे और लोगों के कल्याण के लिए उचित कदम उठाएंगे। सिद्धरमैया ने कहा कि सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार विभिन्न समुदायों के लिए आवश्यक प्रावधान किए जाएंगे।

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मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में बताया कि सिद्धरमैया ने बुधवार को ‘कर्नाटक शोषित वर्गगला महा ओक्कुटा’ (दलित वर्गों का एक संघ) के प्रतिनिधिमंडल से बात करते हुए यह आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जातिगत सर्वेक्षण आवश्यक आंकड़े उपलब्ध कराएगा, जिसकी मदद से लोगों को मुहैया कराई जाने वाली सुविधाओं को लेकर उचित फैसले किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि यह सर्वेक्षण वैज्ञानिक और सटीक जानकारी एकत्र करने के लिए किया गया था जो कि आरक्षण और अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए आवश्यक है। सिद्धरमैया ने कहा कि आरक्षण को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पिछली सरकार द्वारा पैदा की गई ‘‘भ्रम’’ की स्थिति को दूर किया जाएगा, अन्यथा किसी को भी सामाजिक न्याय नहीं मिल सकता। कांग्रेस जब 2013 से 2018 के बीच सत्ता में थी, तब सरकार ने 162 करोड़ रुपये की लागत से स्थायी पिछड़ा वर्ग आयोग के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण कराया था।

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