गरमपानी: छह करोड़ रुपये के बाढ़ सुरक्षा कार्यों में शुरु हुआ मिट्टी का खेल

गरमपानी: छह करोड़ रुपये के बाढ़ सुरक्षा कार्यों में शुरु हुआ मिट्टी का खेल

गरमपानी, अमृत विचार। खैरना - गरमपानी बाजार क्षेत्र को बाढ़ के थपेड़ों से बचाने को किए जा रहे बाढ़ सुरक्षा कार्यो में गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं। शुरुआत में ही गुणवत्ता से खिलवाड़ किए जाने पर क्षेत्रवासियों ने भी रोष जताया है।

मिट्टी मिश्रित रेत से खडी़ की जा रही दीवार विभागीय कार्यप्रणाली को भी उजागर कर रही है। संबंधित विभाग के अधिक्षण अभियंता आरबी सिंह के अनुसार तय किया जाएगा की गुणवत्तायुक्त कार्य हो। जल्द निरीक्षण भी किया जाएगा।

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर स्थित गरमपानी खैरना बाजार के ठिक पीछे बहने वाली उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी ने दो वर्ष पूर्व भारी तबाही मचाई। कई आवासीय भवनों को जमींदोज कर दिया तो कई भवन क्षतिग्रस्त कर दिए। राज्य सरकार ने गरमपानी खैरना क्षेत्र को बचाने के लिए लगभग छह करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। बाढ़ सुरक्षा कार्य अभी शुरुवात में ही सवालों के घेरे में आ गए हैं। पहले चरण में बनाई जा रही दीवार में ही धड़ल्ले से मिट्टी मिश्रित रेत का इस्तेमाल शुरु कर दिया गया है। खुलेआम गुणवत्ताविहीन रेत का इस्तेमाल कर जनहित से खिलवाड़ किया जाने लगा है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है की पूर्व में नदी क्षेत्र में हुए निर्माण कार्यों में भी मिलीभगत से मिट्टी मिश्रित रेत का ही इस्तेमाल किया गया जिस कारण एक झटके में ही निर्माण कार्य धराशाई हो गए।

और अब फिर मुनाफे के फेर में मिट्टी मिश्रित रेत का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कुछ दिन पूर्व ही ग्राम प्रधान बारगल त्रिभुवन पाठक भी नदी क्षेत्र में किए जा रहे बाढ़ सुरक्षा कार्यों में गुणवत्तायुक्त निर्माण सामग्री के इस्तेमाल की मांग उठा चुके हैं बावजूद मनमानी की जा रही है।

क्षेत्र के वासिदों ने गुणवत्तायुक्त निर्माण सामग्री इस्तेमाल किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है। चेतावनी दी है की यदि मनमाना रवैया अपनाया गया तो फिर आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। निर्माणदाई संस्था सिंचाई विभाग के अधिक्षण अभियंता आरबी सिंह ने दावा किया की गुणवत्ता से कतई समझौता नहीं किया जाएगा। कहा की जल्द निरीक्षण भी होगा।