पीलीभीत: बुजुर्ग पर होते रहे अत्याचार, पुलिस ने नहीं सुनी फरियाद..जानिए क्या है मामला
पीलीभीत, अमृत विचार। बेटे और बहू के सताए बुजुर्ग की सुनवाई करने के बजाए गजरौला पुलिस शिकायत को टालती रही। आरोप है कि शरीर पर आई चोटों को देखने के बाद भी न तो मेडिकल परीक्षण कराया गया, न ही एफआईआर दर्ज की। एक सिपाही ने टालते हुए दूसरी तहरीर लिखकर लाने की बात कहकर भगा दिया। जमीन भी कब्जा कर ली गई। एसपी दफ्तर में पेश होकर एक बुजुर्ग ने दुखड़ा सुनाते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
गजरौला क्षेत्र के एक बुजुर्ग बुधवार को पुलिस लाइन पहुंचे और एसपी कार्यालय में शिकायती पत्र दिया। जिसमें बताया कि वह काफी समय से बीमार चल रहे हैं। उनका बेटा और पुत्रवधू ने जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया है। आरोप है कि उन्हें दोनों लोग खाना भी नहीं देता है, इलाज कराना तो दूर की बात है। जमीन उनके नाम पर करने का दबाव बनाया जा रहा है। जब ऐसा करने से मना किया तो कई बार घर से भी निकाल दिया गया। 26 मई की सुबह साढ़े आठ बजे लाठी डंडे से उनकी बेटे और पुत्रवधू ने पिटाई कर दी। उस वक्त शरीर पर कई चोटें आई। इसकी शिकायत लेकर वह गजरौला थाने गए।
आरोप है कि वहां मौजूद सिपाही ने कहा कि पहले तहरीर बदलवा कर लाओ तभी कार्रवाई करेंगे। जब यह कहा गया कि जो दिक्कत है, तहरीर में उसका ही जिक्र किया गया है। इसके बाद भगा दिया गया। न तो मेडिकल परीक्षण कराया, न ही रिपोर्ट दर्ज की गई। यही वजह रही कि 12 जून की शाम को बेटे ने दोबारा मारपीट कर घर से निकाल दिया। बुजुर्ग का कहना है कि उन्हें रात के समय ठीक से दिखाई भी नहीं देता। बीमारी से पहले परेशान हैं। बेटे ने घर वापस आने पर मारने की धमकी दी है। थाना पुलिस सुनवाई नहीं कर रही है। ऐसे में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराकर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने यह भी बताया कि कई बार पंचायत भी हो चुकी है, लेकिन बेटे और पुत्रवधू के स्वभाव में कोई फर्क नहीं पड़ा है।
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