संजीवनी घोटाला: केंद्रीय मंत्री शेखावत ने भ्रष्टाचार के आरोपों पर गहलोत को खुली बहस की चुनौती दी 

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Published By Ashpreet
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जयपुर। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाला मामले में उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को खुली बहस करने की चुनौती दी है। गहलोत द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बृहस्‍पतिवार को पोकरण में मीडिया से कहा, "आज चुनौती देकर यहां से कहता हूं, वो और उनके वकील हिंदुस्तान के किसी भी मंच पर खड़े हो जाएं और वहां खड़े होकर मेरे सामने इस पर बहस करें।

वकीलों को लेकर बहस करें, मुझे किस तरह से दोषी ठहरा रहे हैं?" उल्‍लेखनीय है कि गहलोत ने जोधपुर से सांसद शेखावत पर बार बार इस घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया है जिसमें बड़ी संख्या में निवेशकों को करोड़ों रुपये का चूना लगा। शेखावत ने उन्हें क्रेडिट सोसाइटी से जोड़ने के आरोपों को खारिज करते हुए गहलोत के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में मानहानि का मुकदमा भी दायर किया है।

शेखावत ने मीडिया से कहा कि मुख्‍यमंत्री 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने बेटे वैभव गहलोत की हार के कारण उन पर आरोप लगाते हैं। केंद्रीय मंत्री ने जोधपुर लोकसभा सीट पर वैभव को हराया था। जोधपुर गहलोत का गृहनगर भी है। भाजपा नेता ने यह भी कहा कि वह भाजपा के राज्यसभा सदस्‍य किरोड़ी लाल मीणा द्वारा गहलोत और उनके बेटे के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को साबित करेंगे।

उन्होंने आरोप लगाया, ''वे करोड़ों रुपए के कालेधन को सफेद करने का काम करते हैं।'' गहलोत की ओर से इस आरोप पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। शेखावत ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जिस तरह से सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के संकल्प को लेकर देश के हितों को सर्वोपरि मानते हुए, राष्ट्र हितों से समझौता किए हुए बिना, भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति पर चलते हुए, जिस तरह से काम किया गया, उसका परिणाम है कि आज व्यवस्था पर लोगों का विश्वास पुन: स्थापित हुआ है।

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