शांति को बढ़ावा देने के लिए हिरोशिमा और पर्ल हार्बर के स्मारक पार्क के बीच ‘Sister Park’ समझौता
टोक्यो। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका और जापान के बीच दुश्मनी का प्रतीक रहे पर्ल हार्बर तथा हिरोशिमा के स्मारक पार्क अब ‘सिस्टर पार्क’ समझौते के तहत शांति एवं दोस्ती को बढ़ावा देंगे। जापान में अमेरिका के राजदूत रैम इमैनुएल और हिरोशिमा के मेयर काजुमी मातसुई ने ‘हिरोशिमा पीस मेमोरियल पार्क’ और ‘पर्ल हार्बर नेशनल मेमोरियल ऑफ हवाई’ के बीच ‘सिस्टर पार्क’ व्यवस्था कायम करने के प्रावधान वाले समझौते पर बृहस्पतिवार को दस्तखत किए।
Today, Hiroshima Mayor Matsui and I signed an historic Sister Parks agreement between #Hiroshima Peace Memorial Park and @PearlHarborNPS to embrace the power of peace and the promise of partnership. If we heed the lessons, the interwoven histories of Hiroshima and Pearl Harbor… pic.twitter.com/xIcUic3RxM
— ラーム・エマニュエル駐日米国大使 (@USAmbJapan) June 29, 2023
टोक्यो स्थित अमेरिकी दूतावास में आयोजित हस्ताक्षर समारोह के दौरान इमैनुएल ने कहा, “कोई भी पर्ल हार्बर या हिरोशिमा पीस मेमोरियल जाकर प्रवेश द्वार से अंदर घुसने और निकासी द्वार से बाहर निकलने के बाद वही पुराना इनसान नहीं रह सकता।” उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि इस पहल के पीछे की मंशा यही है कि हम पूरे अमेरिका और पूरे जापान के लोगों को हिरोशिमा शांति स्मारक और पर्ल हार्बर का दौरा करने के लिए प्रेरित करें, ताकि वे दोस्ती और भाईचारे की भावना को समझ सकें।”
अमेरिकी दूतावास के मुताबिक, ‘सिस्टर पार्क’ व्यवस्था के तहत दोनों पार्क ऐतिहासिक संरचनाओं और उनके प्राकृतिक स्वरूप को बहाल करने, संरक्षण एवं शिक्षा के लिए वर्चुअल रियल्टी और डिजिटल चित्रों के इस्तेमाल तथा युवा शिक्षा एवं पर्यटन प्रबंधन के मामले में सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देंगे और आपसी अनुभव साझा करेंगे।
वहीं, मातसुई ने कहा, “युद्ध की शुरुआत और अंत से जुड़े दोनों पार्क के बीच ‘सिस्टर पार्क’ व्यवस्था कायम होना इस बात का प्रमाण है कि युद्ध छेड़ने की गलती करने के बावजूद मानव जाति होश में आ सकती है, सुलह की पहल कर सकती है और शांति स्थापना का प्रयास कर सकती है।” दिसंबर 1941 में पर्ल हार्बर पर जापान के हमले के बाद अमेरिका द्वितीय विश्व युद्ध में कूद पड़ा था। अमेरिका ने छह अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा में परमाणु बम गिराया था, जिससे कम से कम 1.40 लाख लोगों की मौत हुई थी। तीन दिन बाद नौ अगस्त को उसने नागासाकी को परमाणु बम से निशाना बनाया था, जिससे 70 हजार अन्य लोगों की जान गई थी। इन हमलों के बाद जापान ने 15 अगस्त को युद्ध में समर्पण कर दिया था।
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