चित्रकूट : बहू से दुराचार के दोषी ससुर को 10 वर्ष का सश्रम कारावास, 18,000 रुपये अर्थदंड

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Published By Deepak Mishra
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चित्रकूट, अमृत विचार। ससुर और बहू के पवित्र रिश्ते को शर्मसार करने वाले दुराचारी को त्वरित न्यायालय ने 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा दी। इसे 18,000 रुपये अर्थदंड से भी दंडित किया। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में पीड़िता ने न्यायालय में धारा 156 (3) के तहत प्रार्थनापत्र दिया था। न्यायालय के आदेश पर मऊ थाने में मामले की रिपोर्ट दर्ज की गई थी।

पीड़िता के अनुसार, उसकी शादी मई 2018 में हुई थी। शादी के कुछ दिन बाद पति बाहर मजदूरी करने चला गया। इस दौरान उसके ससुर ने अकेले पाकर बहलाफुसला कर, डरा धमकाकर बुरा काम किया। साथ ही कहा कि इस बारे में किसी से बताने पर वह मारकर यमुना नदी में फेंक देगा। घटना के समय उसकी सास खेतों में गई थी, वहां से लौटने पर पीड़िता ने सास को मामले की जानकारी दी। उसने भी उसे चुप करा दिया।

इस दौरान वह गर्भवती हो गई और मायके आने पर बच्चा हुआ, जिसकी कुछ दिन बाद मौत हो गई। इसके बाद फिर से उसे ससुराल बुला लिया गया और 26 दिसम्बर 2019 की रात पीड़िता के साथ ससुर ने जबरन दुराचार किया। जानकारी देकर उसने अपने पिता को बुला लिया और मायके चली आई। इस दौरान ससुर ने मामले की शिकायत करने पर उसे व उसके पिता को मारकर शव गायब कराने की धमकी दी।

पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद आरोपी को गिरफ्तार करते हुए न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्तों की दलीलें सुनने के बाद त्वरित न्यायालय के अपर जिला जज नीरज श्रीवास्तव ने शनिवार को इस मामले में निर्णय सुनाया। दोषसिद्ध ससुर को 10 वर्ष सश्रम कारावास के साथ 18,000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई।

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