मुरादाबाद : दिल नाम की चीज होगी तो बाढ़ आंखों में भी आएगी...

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खेतों में भरे पानी से छानकर बहुतेरे किसान धान की फसल काटने काे मजबूर

(आशुतोष मिश्र) मुरादाबाद, अमृत विचार। गरीबी में जीना किसी का शगल नहीं होता। भूखे पेट भला कहां किसी को नींद आती है। लेकिन, कभी बेबसी और मजबूरी में ठिठुरते बदन रात काटनी पड़ती है। यहां नदी के तटवर्ती गांवों के हालात कुछ ऐसे ही हैं। उफनाई नदियों के पानी का दबाव यहां की खेती लील रहा है। महानगर से सटकर बहने वाली रामगंगा का पानी खेतों में चढ़ता जा रहा है, जबकि ढेला नदी का पानी और लागातार हो रही वर्षा से सदर तहसील क्षेत्र और देहात विधान सभा के गांवों की ओर बढ़ रहा है। आलम यह है कि गन्ना की फसल में पानी का प्रवाह तेज दिख रहा है। 

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उधर, अप्रैल माह में बोई गई धान की फसल खेतों में जल प्लावन का शिकार हो रही है। बहुतेरे किसान पानी भरे खेत से छानकर धान की फसल काटने को मजबूर हैं। जबकि, हजारों एकड़ जमीन में बेहन (पौध-पनीर) रोपने को तैयार किसानों को कुछ सूझ ही नहीं रहा है। सच तो यह कि रामगंगा और ढेला नदी प्रभावित क्षेत्र के किसानों की दुविधा देखकर उस शायर की लाइनें याद आती हैं, जिसमें बेबसी और परेशानी बताने के लिए वह लिखता है- कि दिल नाम की चीज होगी तो बाढ़ आंखों में भी आएगी...।

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बारिश और उफान का रिकॉर्ड बनी रही नदियों वाले क्षेत्र में बाढ़ की दस्तक पता करने रविवार को अमृत विचार की टीम रामगंगा नदी के पार के सलेम सराय गांव पहुंची, यहां घरों से खेतों तक तरह-तरह की आवाजें हैं। खेती किसानी से जुड़ा हर चेहरा बदहवास सा है। सलेमसराय के बुजुर्ग किसान अख्तर अली खेत की मेड़ पर बैठे मिले। बोले, 35 बीघा धान की रोपाई कराई थी। सब का सब डूब गया। अब 12 बीघे खेत के लिए बेहन तैयार है। पड़ोस में पेड़ के सहारे खड़े मुनाजिर बोल पड़े। 10 बीघा मेरा भी तो बर्बाद हो गया।

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यूनुस, सुधीर लाला, अहमद अली ऐसे हालात के लिए मौसम को कम, जनप्रतिनिधियों को कोसने लगे। बोल पड़े, एक बंधे से रामगंगा का पानी हमें तबाह नहीं करता। जबकि, बैलगाड़ी पर अधपके धान का बोझ लेकर घर लौट रहे बाबू का कहना है कि नौ बीघा जमीन पर धान बोया था। पूरी फसल डूब गई है। वह कहते हैं कि अप्रैल महीने में इस तैयारी से खेती की थी कि दूसरी फसल भी काट लेंगे।

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ढेला नदी का जलस्तर घटने से किसानों ने ली राहत की सांस
भोजपुर,अमृत विचार: रविवार की देर शाम ढेला नदी का जलस्तर घटता दिखा।  जबकि शनिवार को नदी का जलस्तर बढ़ता देख प्रशासन ने नदी के आसपास बसे करीब एक दर्जन गांव के लोगों को अलर्ट किया था। भोजपुर के किसान हामिद का कहना है, अब किसानों ने थोड़ी राहत की सांस ली है। क्षेत्र में धान की रोपाई तेजी से चल रही है। पानी से खेत लबालब भरे हुए हैं। क्षेत्र में 60 प्रतिशत से ज्यादा धान की रोपाई हो चुकी है। जल्द ही बचे खेतों में धान की रोपाई पूरी हो जाएगी। किसान हाजी हनीफ का कहना है, बरसात से गन्ने की फसल को फायदा हुआ है। मगर ढेला नदी के आसपास गन्ने की फसल नदी के कटान के दौरान वह खराब हो चुके हैं। जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। देर शाम से नदी का जलस्तर घट रहा है। जिससे आसपास के करीब एक दर्जन गांव के लोगों ने राहत की सांस ली है।

बंधा बने तो दूर हो समस्या
मुरादाबाद, अमृत विचार: सलेमसराय के पूर्व प्रधान निरंकार सिंह कहते हैं कि बाढ़ तो हमारी तकदीर में लिख गई है। मुस्तफापुर क्षेत्र में दो से तीन किलोमीटर बंधा बन जाने से दर्जनभर गांवों की खेती सुरक्षित हो सकती है। लेकिन, हर चुनाव में नेता आते हैं। हमारी पीड़ा में खुद को शामिल करते हैं। जब बात काम की आती है तो चुप हो जाते हैं। वह कहते हैं कि धीरे-धीरे पानी बढ़ रहा है। हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है। अब जनजीवन भी खतरे में पड़ेगा फिर भीड़ जुटेगी और हमारा तमाशा बनेगा।

मौसम विभाग ने 12 तक जताई बारिश की संभावना
मुरादाबाद, अमृत विचार: अभी मौसम खुलने की संभावना कम ही है। मौसम विभाग के अनुसार 12 जुलाई तक तेज हवा के साथ बारिश की संभावना है। आसमान में बिजली चमकेगी और कहीं पर आकाशीय बिजली भी गिर सकती है। पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा.आरके सिंह ने बताया कि अभी बुधवार यानी 12 जुलाई तक बारिश की संभावना है। इसके साथ  ही 14 से 15 किलोमीटर की रफ्तार से हवा भी चलेगी। आपहाड़ी इलाकों में भी काफी बारिश हो रही है।

बारिश से रामगंगा, गागन नदी के जलस्तर में बढ़ाेतरी
मुरादाबाद। लगातार बारिश से नदियों के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हो रही है। जिले में गागन नदी का जलस्तर 189.15 मीटर, रामगंगा का 189.65 दर्ज किया गया। वहीं, तिगरी में गंगा का जलस्तर 199.17 रहा और बृजघाट में गंगा का जलस्तर 189.65 मीटर दर्ज किया गया। पहाड़ी इलाकों में बारिश की वजह से मुरादाबाद में रामगंगा और अमरोहा में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। लेकिन अभी बाढ़ जैसी स्थिति नहीं है। रामगंगा में जल बढ़ने से किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खेती करने के लिए पार जाने को नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। रविवार को भी पहाड़ी और मैदानी इलाकों में बारिश के चलते गंगा और उसकी सहायक नदियों में जलस्तर बढ़ रहा है। गागन का जलस्तर 189.15 मीटर के साथ चढ़ाव पर तो रामगंगा रेलवे पुल पर 189.65 मीटर के जलस्तर के साथ जल चढ़ाव पर है। हालांकि, बृजघाट में जल उतार पर है। लेकिन अभी दोनों नदियां खतरे के निशान से काफी दूर हैं। बाढ़ खंड के कंट्रोल रूम से नदियों के जलस्तर की जानकारी की गई। जिला आपदा विशेषज्ञ पंकज मिश्रा ने बताया कि जलस्तर तो बढ़ा है, लेकिन अभी बाढ़ जैसी स्थिति नहीं है।

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