BCCI ने की ICC के रणनीतिक कोष को बढ़ाने की वकालत, राजस्व हिस्सेदारी 72 प्रतिशत बढ़ी
बीसीसीआई को 2024 से 2027 तक प्रत्येक साल करीब 23 करोड़ डॉलर की कमाई होगी जो आईसीसी के अनुमानित सालाना राजस्व का 38.5 फीसदी है
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने खेल के विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के राजस्व से विश्व संचालन संस्था के रणनीतिक कोष में पर्याप्त राशि आवंटित करने की वकालत की है। वार्षिक राजस्व से 2024-27 तक 23 करोड़ डॉलर की बड़ी हिस्सेदारी की मंजूरी मिलने के बाद बीसीसीआई ने हाल में आईसीसी की वार्षिक बोर्ड बैठक में रणनीतिक कोष को बढ़ाने की जरूरत की वकालत की है क्योंकि इसका इस्तेमाल टेस्ट क्रिकेट को बचाने और महिलाओं के खेल के विकास के लिए भी किया जायेगा। एमसीसी विश्व क्रिकेट समिति का मानना है कि पूर्ण सदस्य और एसोसिएट देशों के लिए जरूरत के आधार पर आईसीसी रणनीतिक कोष से पर्याप्त राशि आवंटित की जा सकती है।
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने शुक्रवार को राज्य संघों को लिखे एक पत्र में कहा, राजस्व वितरण में हमारी हिस्सेदारी के अतिरिक्त हमने आईसीसी के रणनीति कोष में पर्याप्त राशि आवंटित किये जाने की वकालत भी की है क्योंकि यह कोष खेल के विकास और अगले मीडिया अधिकार चरण में खेल के विकास में निवेश के लिए अहम होगा। उम्मीद के अनुरूप भारत की संशोधित राजस्व हिस्सेदारी को डरबन में आईसीसी बोर्ड में मंजूरी मिल गयी थी। इसका मतलब है कि उन्हें करीब 72 प्रतिशत का फायदा होगा। बीसीसीआई को 2024 से 2027 तक प्रत्येक साल करीब 23 करोड़ डॉलर की कमाई होगी जो आईसीसी के अनुमानित सालाना राजस्व का 38.5 फीसदी है।
शाह ने कहा, बीसीसीआई की हिस्सेदारी में यह शानदार बढ़ोतरी है। यह उपलब्धि हमारे सामूहिक प्रयासों और हमारे राज्य संघों तथा बीसीसीआई में मेरे सहयोगियों के एकजुट प्रयास की बदौलत मिली है। उन्होंने कहा, आईसीसी के साथी सदस्यों के साथ हमारे मजबूत राजनयिक और रणनीतिक रिश्तों ने भारत को यह हिस्सेदारी हासिल करने में अहम भूमिका अदा की है।
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