वास्तुकला के छात्रों को बताई भूकंप रोधी भवनों की तकनीक, IIT Kanpur में राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर में वास्तुकला के छात्रों को बताई भूकंप रोधी भवनों की तकनीक।

कानपुर में वास्तुकला के छात्रों को बताई भूकंप रोधी भवनों की तकनीक। आईआईटी में राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन। इसमें 13 संस्थानों के छात्र शामिल हुए।

कानपुर, अमृत विचार। आईआईटी में वास्तुकला के छात्रों को भूकंप रोधी भवनों के निर्माण की तकनीक बताई। उन्हें समझाया गया कि कोई भी बिल्डिंग बनाने से पहले किन बातों का ध्यान रखना पड़ता है। इसमें कौन कौन सी सावधानियां जरूरी है। यह कार्यशाला 29 जुलाई तक चलेगी। इसमें देशभर के 13 संस्थानों के छात्र-छात्राएं शामिल हुए हैं।  

कार्यशाला का आयोजन नेशनल इनफॉर्मेशन सेंटर ऑफ अर्थक्वैक इंजीनियरिंग की ओर से किया जा रहा है। पहले दिन छात्रों को भूकंप सुरक्षा मुद्दों, क्षमता निर्माण और वैचारिक स्तर पर भूकंप प्रतिरोधी डिजाइन की बुनियादी बातों के बारे में जागरूक किया गया। हावड़ा स्थित आईआईईएसटी के प्रो. केया मित्रा, डॉ. बीएन कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर फॉर वुमन की प्रो. मीरा शिरोलकर, पश्चिम बंगाल की महिला पॉलिटेक्निक की प्रो. रुचिरा दास, प्रो. वसुधा गोखले, प्रो. सुजाता मेहता, प्रो. अतनु दत्ता, प्रो. भावना विमावाला आदि ने अपने व्याख्यान दिए।

जियो हैजर्ड्स नई दिल्ली से आए डॉ. हरि कुमार ने भूकंप के कारणों, बुनियादी शब्दावली, जमीन की गति आदि विषयों पर जानकारी दी। समारोह की अध्यक्षता आईआईटी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग की प्रमुख प्रो. प्रियंका घोष ने की। नौ दिवसीय कार्यशाला के दौरान, छात्रों को एक वास्तुशिल्प डिजाइन असाइनमेंट दिया जाएगा जहां उन्हें सुविधाओं और उपयोगिताओं के अलावा विभिन्न प्रकार के अपार्टमेंट और कार्यालयों के मिश्रण वाले एक परिसर को डिजाइन करना होगा। इसका मूल्यांकन 29 जुलाई, 2023 को जूरी द्वारा किया जाएगा, जिसमें कई संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल हैं।

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