मणिपुर में बीरेन सरकार को बड़ा झटका, राजग के सहयोगी दल केपीए ने समर्थन लिया वापस

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Published By Moazzam Beg
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इंफाल। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सहयोगी दल कुकी पीपुल्स अलायंस (केपीए) ने मणिपुर में एन बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस लेने की रविवार को घोषणा की। राज्यपाल अनुसुइया उइके को लिखे एक पत्र में केपीए प्रमुख तोंगमांग हाओकिप ने मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार से संबंध तोड़ने के पार्टी (केपीए के) फैसले की सूचना दी है। बीते तीन महीनों में राज्य में जातीय हिंसा में 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। 

हाओकिप ने पत्र में कहा है, ‘‘मौजूदा स्थिति पर सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श करने के बाद, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह नीत मणिपुर सरकार के लिए समर्थन जारी रखने का कोई मतलब नहीं रह गया है।’’ उन्होंने पत्र में कहा है, ‘‘इसलिए, मणिपुर सरकार से केपीए अपना समर्थन वापस लेता है।’’ राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा में केपीए के दो विधायक--सैकुल से के.एच. हांगशिंग और सिंघट से चिनलुंगथांग--हैं। विधानसभा में भाजपा के 32 सदस्य हैं, जबकि इसे एनपीएफ के पांच और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। विपक्षी विधायकों में एनपीपी के सात, कांग्रेस से पांच और जनता दल(यूनाइटेड) से छह विधायक हैं। 

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