प्रयागराज : आर्थिक रूप से कमजोर याची को जमानत शर्तों में मिली राहत

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Published By Pradumn Upadhyay
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अमृत विचार, प्रयागराज । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फतेहपुर के आर्थिक रूप से कमजोर कैदी को जमानत की शर्तों के अनुसार निजी मुचकले और प्रतिभूतियों को जमा करने में असमर्थ होने पर उसे छूट देते हुए रिहा करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की एकलपीठ ने आफताब खान की अर्जी को स्वीकार करते हुए दिया है।

याची पांच जनवरी 2021 से जेल में हैं। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। इलाहाबाद न्यायालय द्वारा उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया था, लेकिन आर्थिक हालत सही न होने पर वह निजी मुचलका और दो प्रतिभूतियों को जमा नहीं कर सका। जैसा कि जिला जेल द्वारा बताया गया है कि याची एक निर्धन व्यक्ति है और अपनी कमजोर वित्तीय स्थिति के कारण जमानत देने में असमर्थ है। अतः वह बिना किसी गलती के जेल में बंद है।

न्यायमित्र ने इन री पॉलिसी स्ट्रैटेजी फॉर ग्रांट ऑफ बेल बनाम श्री गौरव अग्रवाल मामले में पारित सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि न्यायालय ने आर्थिक रूप से कमजोर याचियों को मुचलके और प्रतिभूतियों के जमा करने के मामले में निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने परिस्थितियों को देखते हुए याची की जमानत याचिका के मामले में दाखिल अर्जी को स्वीकार कर लिया और उसे निजी मुचलके और प्रतिभूतियों को जमा करने के मामले में राहत देते हुए रिहा करने का आदेश दिया।

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