‘न्यूजक्लिक’: ED प्रकाश करात और अरबपति कारोबारी नेविल रॉय सिंघम के बीच ई-मेल आदान प्रदान, पत्रकारों को कोष भेजने की कर रहा जांच 

‘न्यूजक्लिक’: ED प्रकाश करात और अरबपति कारोबारी नेविल रॉय सिंघम के बीच ई-मेल आदान प्रदान, पत्रकारों को कोष भेजने की कर रहा जांच 

नई दिल्ली। समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ के खिलाफ धन शोधन मामले की जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में अमेरिकी अरबपति कारोबारी नेविल रॉय सिंघम और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता प्रकाश करात के बीच ईमेल का आदान प्रदान भी शामिल हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

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‘न्यूजक्लिक’ पर चीन के हितों को बढ़ावा के लिए सिंघम से धन प्राप्त करने का आरोप है। ईडी ‘न्यूजक्लिक’ से कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड के परिवार के सदस्यों को लगभग 40 लाख रुपये के कथित हस्तांतरण, पत्रकार और लेखक परंजॉय गुहा ठाकुरता, ‘न्यूजक्लिक’ के कुछ कर्मचारियों तथा कुछ अन्य मीडियाकर्मियों को लगभग 72 लाख रुपये के हस्तांतरण की भी जांच कर रहा है।

ईडी की जांच में पाया गया कि ‘न्यूजक्लिक’ ने जेल में बंद कार्यकर्ता गौतम नवलखा को ‘‘वेतन’’ के रूप में कथित तौर पर 17.08 लाख रुपये, ‘न्यूजक्लिक’ के शेयरधारक और माकपा के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेल के सदस्य बप्पादित्य सिन्हा को 97.32 लाख रुपये का भुगतान एक अनिर्दिष्ट अवधि में किया था। सूत्रों के मुताबिक, ईडी इन कोष के ‘‘अंतिम उपयोग’’ की जांच कर रहा है। ‘

न्यूयॉर्क टाइम्स’ की हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि यह पोर्टल एक वैश्विक नेटवर्क का हिस्सा था, जिसे सिंघम से धनराशि मिली थी। सिंघम चीन सरकार की मीडिया इकाई के साथ कथित तौर पर मिलकर काम करता है। रिपोर्ट के बाद ‘न्यूजक्लिक’ और इसकी गतिविधियां फिर से सुर्खियों में आ गईं।

संसद में भी यह मुद्दा उठाया गया था जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि ‘न्यूजक्लिक’ को दिए गए धन का इस्तेमाल भारत विरोधी माहौल बनाने के लिए किया गया तथा उनके पास करात और सिंघम के बीच ई-मेल आदान-प्रदान से संबंधित दस्तावेज हैं।

ईडी ‘न्यूजक्लिक’, इसके प्रवर्तकों और अन्य के खिलाफ अपनी आपराधिक जांच के तहत सिंघम से जुड़ी संस्थाओं से इसकी होल्डिंग कंपनी (पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड) और इसमें 86 करोड़ रुपये से अधिक के कथित धोखाधड़ी वाले विदेशी कोष के वित्तपोषण की जांच कर रहा है। इस मामले में जल्द ही आरोपपत्र दाखिल किए जाने की उम्मीद है।

ईडी ने धन शोधन के आरोप में पहली बार सितंबर, 2021 में राष्ट्रीय राजधानी के सैदुलाजाब इलाके में ‘न्यूजक्लिक’ के खिलाफ छापेमारी की थी और तब से जांच जारी है। एजेंसी ने इस मामले में 20 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए हैं, जिनमें ‘न्यूजक्लिक’ के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ के बयान भी शामिल हैं।

ठाकुरता ने को बताया कि ईडी ने इस जांच के तहत उनसे पहले भी पूछताछ की है और वह मई, 2018 से ‘न्यूजक्लिक’ के सलाहकार रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हालाकि, मैं न तो न्यूजक्लिक का कर्मचारी, शेयरधारक या संपादकीय बोर्ड का हिस्सा हूं। मैं एक स्वतंत्र पत्रकार हूं और मैंने कई समाचार संस्थानों के लिए लिखा और योगदान दिया है।’’ ठाकुरता ने कहा, ‘‘मुझे जो राशि दी गई (न्यूजक्लिक द्वारा) वह पिछले पांच वर्षों में समय-समय पर बदलती रही है।

ऐसे कई महीने रहे हैं जब मैंने कोई बिल नहीं भेजा... मैं केवल इतना कह सकता हूं कि बताई गई राशि काफी बढ़ी हुई प्रतीत होती है। मुझे उम्मीद है कि मुझे 72 लाख रुपये मिल गए होंगे।’’ करात और सीतलवाड ने उन्हें भेजे गए सवालों का जवाब नहीं दिया।

माकपा ने एक बयान में दुबे पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वामपंथियों को बदनाम करने का अभियान चल रहा है क्योंकि वह भाजपा की सांप्रदायिक विचारधारा की ‘‘लगातार मुखर प्रतिद्वंद्वी बनी हुई’’ है। सूत्रों के अनुसार, ईडी ने अपनी तलाशी और सबूत जुटाने की कवायद के दौरान कई ई-मेल प्राप्त किए हैं।

जनवरी, 2021 में करात (75) ने सिंघम के साथ कथित तौर पर ई-मेल का आदान-प्रदान किया और इस बारे में बात की कि ‘‘भारत सरकार चीन से निवेश और आयात को प्रतिबंधित कर रही है जिससे हमारे देश को और अधिक नुकसान होगा। एक चीनी अखबार में उनकी पार्टी का कवरेज और कुछ अन्य विषयों पर बातचीत का भी विवरण है।

‘न्यूजक्लिक’ के खिलाफ तलाशी के दौरान मिले अन्य ई-मेल मार्च, 2020 से संबंधित हैं जहां सिंघम, पुरकायस्थ और कुछ अन्य लोगों ने ‘‘चीन और उसके संक्रमण (कोविड-19) से निपटने पर तीन लेखों की श्रृंखला के शोध’’ पर नोट्स का आदान-प्रदान किया।

ईडी द्वारा अध्ययन किए जा रहे 30 मार्च, 2020 के एक ई-मेल में पुरकायस्थ का ‘‘अनुरोध’’ शामिल है, जिसमें चीन में (कोरोना वायरस के लिए) परीक्षणों की संख्या और संक्रमित पाए गए लोगों के संबंध में समयसीमा बताने को कहा गया है तथा उस देश ने अपने उत्पादन और परीक्षण को कैसे बढ़ाया जबकि, ‘‘इसके विपरीत अमेरिका और भारत जैसे देश इतने अधिक समय के बावजूद अभी भी किट उत्पादन या खरीद में वृद्धि करने में असमर्थ हैं।’’

समझा जाता है कि सिंघम ने उसी ई-मेल में कहा था कि ‘‘संकट से निपटने के दौरान चीन ने कैसे तेजी से सीखा’’ और उनकी टीम ‘‘अन्य विषयों के अलावा सभी तथ्यों की त्रि-स्तरीय जांच करने के लिए बहुत मेहनत कर रही है।’’ सूत्रों के मुताबिक, ईडी को कई अन्य ई-मेल भी मिले हैं, जो सिंघम, पुरकायस्थ और अन्य लोगों के बीच चीन के बारे में खबरें तैयार करने से जुड़ी बातचीत से संबंधित हैं।

ईडी ने पिछले साल धन शोधन की इस जांच के तहत 41 लाख रुपये की सावधि जमा के अलावा पुरकायस्थ से जुड़े, दक्षिण दिल्ली के साकेत इलाके में स्थित 4.52 करोड़ रुपये के एक फ्लैट को कुर्क किया था। पीएमएलए के निर्णायक प्राधिकार ने फरवरी में फ्लैट के लिए ईडी के कुर्की आदेश की पुष्टि की।

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को कहा था कि भारत 2021 से दुनिया को बता रहा है कि ‘न्यूजक्लिक’ ‘चीनी दुष्प्रचार’ का एक खतरनाक वैश्विक नेटवर्क है जो फर्जी खबरें फैला रहा है। अनुराग ठाकुर ने कहा था, ‘‘अगर आप न्यूजक्लिक के वित्तपोषण नेटवर्क को देखें तो पाएंगे कि इसका वित्तपोषण विदेशी नेविल रॉय सिंघम द्वारा किया गया और उसे यह राशि चीन से मिलती है।

इस नेविल रॉय सिंघम का सीधा संबंध ‘चीनी कम्युनिस्ट पार्टी’ की दुष्प्रचार इकाई और चीन की मीडिया कंपनी ‘माकू ग्रुप’ से है।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘वे स्वतंत्र समाचार के नाम पर फर्जी खबरें गढ़ते हैं। कांग्रेस और अन्य पार्टियां उनका समर्थन करती हैं।’’ ‘न्यूजक्लिक’ ने सोमवार को एक बयान जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि ‘‘कुछ राजनीतिक तत्वों और मीडिया के वर्गों द्वारा उसके खिलाफ लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद और निराधार हैं।’’

बयान में कहा गया, ‘‘न्यूजक्लिक के खिलाफ विभिन्न झूठे और भ्रामक आरोप लगाए गए हैं जो उन मामलों से संबंधित हैं जो वर्तमान में भारत में अदालतों के समक्ष विचाराधीन हैं। हम कानूनी प्रक्रिया की पवित्रता का सम्मान करते हैं और मीडिया ट्रायल में शामिल होने का इरादा नहीं रखते ।’’ बयान में यह भी कहा गया कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने कंपनी के विभिन्न अधिकारियों को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान की है। 

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