हल्द्वानी: नालों में बनते रहे मकान, सोते रहे हुक्मरान...

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Published By Bhupesh Kanaujia
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अंकुर शर्मा, हल्द्वानी, अमृत विचार। बेशक, मंगलवार की रात को हुई भीषण बारिश के बाद बरसाती नालों रकसिया और कलसिया ने कहर बरपाया। लेकिन इस कहर के लिए मकान बनाने और मकान बनवाने वाले दोनों का ‘जिम्मेदार’ बताना गलत नहीं होगा।

रेरा या जिला विकास प्राधिकरण दोनों में सुनियोजित व सुरक्षित विकास के लिए सख्त नियम हैं, यह बात दीगर है कि हल्द्वानी में इन नियमों का सख्ती से पालन नहीं हुआ। बरसाती नाले जो पानी की निकासी के लिए बनाए गए थे, उनका रकबा किसी का आंगन तो किसी का शौचालय बन गया। हुक्मरानों को पता नहीं चला या जानबूझ कर अनजान बन रहे। फिलहाल शहर के बरसाती नालों में धड़ल्ले से एक के बाद एक मकान बनते रहे।

जिला विकास प्राधिकरण के नियमों के अनुसार बरसाती नालों से 5 मीटर की दूरी पर घर बनाना चाहिए। ताकि बरसात में नाले के उफान पर आने और भूकटाव की दशा में घर सुरक्षित रहे। साथ ही इन नालों से बरसात के पानी की निकासी हो और जलभराव और दूसरे नुकसान नहीं हो। किसी भी इमारत की बुनियाद रखने से पालन किए जाने वाले इस बुनियादी नियम की धज्जियां उड़ती रहीं।

कलसिया, रकसिया समेत सभी बरसाती नालों और गधेरों के रकबे में एक के बाद एक ताबड़तोड़ निर्माण होते चले गए। बीते मंगलवार की रात को हुई भीषण बारिश से कलसिया से सटाकर बनाए गए मकान जमीदोंज और क्षतिग्रस्त हो गए। कमोबेशर यही हालत रकसिया की हुई। रकसिया नाले से दमुवाढूंगा, कुमाऊं कॉलोनी, मित्र विहार, गोकुल विहार में 45 से अधिक मकान की बुनियाद बह गई और क्षतिग्रस्त हो गए।

 

भूमाफिया ने 10 रुपये के स्टांप पर बेच दी ‘कच्ची जमीन’

हल्द्वानी में 10 रुपये के स्टांप पर कच्ची जमीन यानी बिना रजिस्ट्री वाली की खरीद फरोख्त का धंधा फल-फूल रहा है। कथित भूमाफिया 10 रुपये के स्टांप पेपर पर बरसाती नालों व गधेरों के रकबे,  वन भूमि का महज 4-5 लाख रुपये लेकर सौदा कर देते हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा से आने वाले लोग इनके झांसे में आ जाते हैं क्योंकि पक्की यानी रजिस्ट्री वाली जमीन अधिक दाम होने की वजह से उनकी पहुंच से बाहर होती है। ये माफिया कच्ची जमीन पर ऐसी दूसरी बसासत का भी हवाला देते हैं। प्रशासन, पुलिस, प्राधिकरण, रेरा या कहें कि सरकारी तंत्र कच्ची जमीन के सौदे करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है तो उनका धंधा भी चलता रहता है।

 

डीडीए अवैध निर्माण पर रोक लगाने के लिए तत्पर है। बरसाती नालों के समीप हुए निर्माण बहुत सालों पुराने हैं। निमयों के विपरीत कोई भी नया निर्माण नहीं होने दिया जाएगा, सूचना मिलते ही कार्रवाई होगी।

- ऋचा सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट एवं संयुक्त सचिव, जिला विकास प्राधिकरण