सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का निधन, राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद पड़ा दिल का दौरा, PM ने जताया शोक

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Published By Om Parkash chaubey
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नई दिल्ली। सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण में अग्रणी, सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक और सामाजिक कार्यकर्ता बिंदेश्वर पाठक का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया।

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उनके एक करीबी सहयोगी ने यह जानकारी दी। सहयोगी ने बताया कि पाठक (80) ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सुबह सुलभ इंटरनेशनल मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और उसके तुरंत बाद गिर गये। सहयोगी ने जहां कहा कि पाठक ने एम्स में अंतिम सांस ली, अस्पताल के एक सूत्र ने कहा कि उन्हें दोपहर 1:42 बजे जब अस्पताल लाया गया तब तक उनके प्राण निकल चुके थे।

उन्होंने बताया कि मौत का कारण हृदय गति का रुक जाना है। पाठक सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक थे, जो भारत स्थित एक सामाजिक सेवा संगठन है। यह संगठन शिक्षा के माध्यम से मानव अधिकारों, पर्यावरण स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन और सुधारों को बढ़ावा देने के लिए काम करता है।

सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, “सुलभ स्वच्छता, सामाजिक सुधार और मानवाधिकार आंदोलन के संस्थापक, डॉ. बिंदेश्वर पाठक नहीं रहे। नयी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया।”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाठक के निधन पर शोक व्यक्त किया। मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “डॉ. बिंदेश्वर पाठक जी का निधन हमारे देश के लिए एक गहरी क्षति है। वह एक दूरदर्शी व्यक्ति थे जिन्होंने सामाजिक प्रगति और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया।” उन्होंने पाठक के साथ उनकी दो तस्वीरें साझा करते हुए कहा, “उनका काम कई लोगों को प्रेरणा देता रहेगा।

इस कठिन समय में उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ओम शांति।” पाठक ने 1970 में खुले में शौच और अस्वच्छ सार्वजनिक शौचालयों को खत्म करने के लक्ष्य के साथ सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की। संगठन के अग्रणी प्रयासों से क्रांतिकारी सुलभ शौचालय का विकास हुआ, जो एक कम लागत वाला, पर्यावरण-अनुकूल समाधान है जिसने पूरे देश में स्वच्छता प्रथाओं में क्रांति ला दी । उनके परिवार में पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है। 

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