पीलीभीत: सूखा भूसा उठाकर अफसर बोले- इसमें चोकर और चारा कहां है?
पीलीभीत/माधोटांडा, अमृत विचार। परसरामपुर गोशाला में इंतजामों को लेकर उठ रहे सवालों को लेकर डीएम सख्त हुए। अभी कुछ दिन पहले ही कमेटी गठित की गई थी। इसके बाद अब जिला मुख्यालय से शनिवार को पीडी डीआरडीए और डीडीओ जांच करने के लिए भेजे गए।
अभिलेखों को चेक करने के बाद गोवंश की स्थिति देखी। नांद में सूखा भूसा था, लेकिन हरा चारा नहीं था। इस पर नाराजगी जताई। हाथ में भूंसा लेकर बोले यह क्या है, इसमें चोकर और चारा कहां है? जिसके बाद कर्मचारियों में खलबली मची रही। माधोटांडा ग्राम पंचायत के मौजा परसरामपुर में बीते दिनों गोवंश की मौत के मामले उजागर हुए। पहले तो इसे लेकर अफसर अपने तर्क दे रहे थे।
लेकिन शोर बढ़ता गया तो टीमें भी गठित कर दी गई और लगातार निरीक्षण किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि कुछ ही दिनों में आधा दर्जन गोवंश जान गंवा चुके। 14 अगस्त को तीन गोवंश की मौत की बात कही गई थी। डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।
डीएम के निर्देश पर डीडीओ हवलदार सिंह और पीडी डीआरडीए शैलेश ब्यास शनिवार को गोआश्रय स्थल पहुंचे। उन्होंने अभिलेखों की स्थिति को परखा, चिकित्सक और सचिव से जानकारी की। इसके बाद गोवंश की स्थिति को देखा।
वह नांद के करीब करीब पहुंचे और सूखा भूसा देखा तो गुस्सा गए। हाथ में सूखा भूसा लेकर सवासल किए और फटकार लगाई। मौके पर कई गोवंश कमजोर अवस्था में मिले। इस पर पीडी ने पशु चिकित्सक से वजह पूछी। पीडी ने कहा कि गोवंश के संरक्षण के लिए पर्याप्त बजट मिल रहा है तो फिर भी बेहतर देखरेख क्यों नहीं हो पा रही? केयर टेकरों को गोवंश की देखरेख में गंभीरता बरतने के निर्देश दिए।
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