प्रदेश में लागू होगा गोशालाओं की निगरानी का अयोध्या मॉडल: मुख्यालय से की जा रही निगरानी, अव्यवस्था व असुरक्षा का भय नहीं
राजेंद्र कुमार पांडेय/ अयोध्या, अमृत विचार। अयोध्या के खाते में एक और उपलब्धि आ गई है। प्रदेश के गो-आश्रय स्थलों की सुरक्षा और निगरानी के लिए अब अयोध्या मॉडल लागू किया जा रहा है। अयोध्या में 87 गो-शालाओं में लगे वाई-फाई, सोलर व सिम वेस्ट सीसीटीवी कैमरे लाइव तस्वीर दे रहे हैं। यह सिस्टम रात में भी काम करता है। गोशाला में सुरक्षा के साथ कर्मचारियों की लापरवाही पर भी इससे नजर रखी जा रही है।
जिले में गोशालाओं को लेकर विकास प्रशासन के पास तमाम शिकायतें आ रही थी। गो-शालाओं से जानवरों को बाहर कर दिए जाने, चारा पानी, भूसा न मिलने और कभी अव्यवस्था के कारण मवेशियों के मर जाने पर वहीं दफनाने की शिकायतें थी। एक साथ इनकी पुख्ता व्यवस्था के लिए सीडीओ केके सिंह ने अपनी टीम के साथ नया प्लान बनाया। 24 घंटे चलने वाले सीसीटीवी कैमरों से गोशालाओं के सतत निगरानी की व्यवस्था कर दी।
प्रोजेक्ट थोड़ा लंबा था, समय लगा लेकिन अब यह पूरी तरह से सक्रिय है।सीडीओ केके सिंह के मुताबिक लगाए जाने वाले कैमरे आधुनिकतम स्मार्ट डिटेक्शन सेंसटीविटी वाले हैं। जो 360 डिग्री घूम सकते हैं। पूरे परिसर को फीड भेजते हैं। इसे मोबाइल के साथ एप पर खोलकर देखा जा सकता है। विकास भवन में मानीटरिंग सेल इस पर नजर रख रही हैं। शिकायतें कम हो गई। अब इसे प्रदेश के सभी जिले की गोशालाओं में लागू किया जा रहा है। प्रमुख सचिव पशुपालन, मत्स्य एवं दुग्ध विकास मुकेश कुमार मेश्राम ने अयोध्या प्लान को लागू करने के लिए मंगवा लिया है।
कैसे करते हैं कैमरे-
गोशाला में गेट और अंदर एक-एक कैमरे लगते हैं। इससे बाहर और अंदर की पूरी गतिविधि देखी जा सकती है। कैमरे पशुओं के साथ मानव क्रिया कलापों को डिटेक्ट करके नोटीफिकेशन के साथ छोटी फीड क्लाउड स्टोरेज में सुरक्षित कर देता है। स्मार्ट ट्रैकिंग के कारण यह मानव और पशुओं को ट्रैक कर लेता है। स्मार्ट ट्रैकिंग के माध्यम से सीसीटीवी कैमरा में क्षेत्र निर्धारित कर उस क्षेत्रकी पूरी गतिविधि को भी ट्रैक किया जा सकता है।
इससे गोवंशो की नाद, उनके बैठने के स्थल की साफ-सफाई, भूसा संग्रहण को देखा जा सकता है। कैमरे में साइरन सेटिंग करके अवांछनीय घटनाओं को रोका जा सकता है। नाइट मोड विजन की सहायता से रात में भी गोशालाओं के अंदर-बाहर की गतिविधियों को देखा जा सकता है। जिससे रात में गोवंशों की चोरी या गोशालाओं से निकल जाने की जांच की जा सकती है। डिवाइस काल मोड से सीधे गोशालाओं के केयर टेकर या अन्य लोगों से बात की जा सकती है।
जिले में सभी 87 गोशालाओं की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। सतत निगरानी की जा रही है। प्रदेश के अन्य जिलों में यह मॉडल लागू किए जाने के लिए पूरा प्रोजेक्ट प्रदेश शासन को भेज दिया गया है।-केके सिंह, सीडीओ,अयोध्या।
