मुरादाबाद : बिखरे रिश्तों को आपसी सुलह से दोबारा जोड़ने पर जोर
पहल : 1 अगस्त से 6 सितंबर तक तीन मामलों में दर्ज हुई रिपोर्ट, शेष मामले आपसी सुलह से निपटे
आपसी सुलह से फिर साथ रहने को राजी हुआ दंपति एक दूसरे को मिठाई खिलाते हुए।
मुरादाबाद, अमृत विचार। ससुराल में महिलाओं की प्रताड़ना के मामले बढ़ रहे हैं। महिलाएं अतिरिक्त दहेज, संतान या फिर बेटा न होने जैसे कई तरह के मामलों में प्रताड़ना और तानों का शिकार हो रहीं हैं। ऐसे मामले लगभग हर रोज महिला थाने में आ रहे हैं।
बुधवार की दोपहर महिला थाने में एक महिला अपने पति और बेटे संग सास की शिकायत लेकर आई। महिला सास पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज किए जाने की जिद पर अड़ी थी। बातचीत में थानाध्यक्ष को पता चला कि महिला की सास अपने पौत्र की पढाई की फीस भी भरती है और बेटे-बहू की भी मदद करती है। महिला का कहना था कि वह घर की दूसरी मंजिल पर रहेगी, जबकि सास भूतल पर रहे।
थानाध्यक्ष दीपा त्यागी ने मामला समझने के बाद महिला से उसकी सास की सराहना कर अपना उदाहरण दिया। कहा, वह ड्यूटी पर आ जाती हैं तो उनके बच्चे भी सास ही पालती हैं। थानाध्यक्ष ने कहा, किसी भी महिला के सफल जीवन में सास का बहुत बड़ा योगदान रहता है। सास ही मां होती है। खैर, महिला ने थानाध्यक्ष की बात मानी और जिद छोड़कर घर लौट गई।
37 दिन में तीन पर रिपोर्ट
थानाध्यक्ष दीपा त्यागी कहती हैं कि पहले आपसी बातचीत से ही मामले को सुलझाने की कोशिश रहती है। यदि प्रकरण थाना स्तर पर सुलझ नहीं पा रहा है तो उसे वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में भेजती हैं। जब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से भी बात नहीं बन पाती है, उस दशा में ही रिपोर्ट दर्ज करती हैं। यही कारण है कि पिछले अगस्त महीने से अब तक केवल तीन मामलों में ही महिला थाने में रिपोर्ट लिखी गई है।
पुलिस की मध्यस्थता में जीवन भर साथ रहने का वादा
संभल जिले के शहजादी सरायं के राम कुंवर सैनी के बेटे चमन संग शीतल का 5 दिसंबर 2022 को विवाह हुआ था। लेकिन, उसकी ससुराल वाले दहेज से संतुष्ट नहीं थे। उसे कई बार मारापीटा भी गया था। फिर वह अपने मायके चली आई थी और महिला थाने में पति व ससुराल के अन्य लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कराने को प्रार्थना पत्र दिया था। इस मामले को गंभीरता से लेकर महिला थानाध्यक्ष दीपा त्यागी ने दोनों पक्षों को बुलाकर कई चरण में समझाया। खैर, वह कामयाब भी हुईं। चमन व शीतल दोनों ने थाने में एक-दूसरे का मुंह मीठा कराकर पुरानी बातें भूलकर जिंदगी भर साथ रहने का वादा किया।
तीसरे चरण की काउंसिलिंग में बनी बात
महानगर की विनीता को कोई संतान न होने से उनके ससुराल वाले प्रताड़ित कर रहे थे। पति ही नहीं बल्कि उसकी ननद-देवर और सास भी उसे मारती थी। ससुराल में प्रताड़ना से परेशान विनीता भाई संग मायके चली आई। एक साल से मायके में ही रह रही है। मायके की भी आर्थिक हालत अच्छी नहीं थी। माता-पिता की मृत्यु हो चुकी थी। मायके में दो भाई-भाभी हैं। ऐसे में विनीता का मायके में भी जिंदगी काट पाना कठिन था। विनीता ने ससुराल वालों के विरुद्ध महिला थाने में अर्जी लगाई थी। थानाध्यक्ष की मध्यस्थता में दोनों पक्षों में बात बन गई और विनीता को उसके ससुराल वाले सम्मान सहित थाने से ही ससुराल ले गए।
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