बरेली: प्रत्येक जिले का बनेगा नया गजेटियर, 15 विभागों की कमेटी गठित

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Published By Om Parkash chaubey
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विशेष सचिव की चिट्ठी आई, बरेली समेत सभी जिलों में जिला गजेटियर समिति गठित होगी, हिंदी भाषा में बनेगा गजेटियर, अभी तक अंग्रेजों का बना हुआ है जिला गजेटियर

बरेली, अमृत विचार : अंग्रेजों के समय में बना जिलों का गजेटियर नए सिरे से बनेगा। राज्य के प्रत्येक जिले का नया गजेटियर बनाने के लिए 15 विभागों के अधिकारियों को शामिल किया गया है। बरेली समेत सभी जिलों में जिला गजेटियर समिति का गठन करने के निर्देश दिए गए हैं। जिसके जिलाधिकारी अध्यक्ष और मुख्य विकास अधिकारी सदस्य सचिव होंगे।

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मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 24 जुलाई को गजेटियर पर चर्चा होने के बाद 1 अगस्त को महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें जिलों का नया गजेटियर बनाने को मंजूरी दी गयी। मुख्य सचिव की बैठक के हवाले से विशेष सचिव अनिल कुमार ने 28 अगस्त को सभी जिलों के डीएम को चिट्ठी भेजी है, जिसमें कहा गया है कि राज्य के सभी 75 जिलों का जिला गजेटियर नए सिरे से तैयार किया जाना है। गजेटियर तैयार करने के लिए जिला स्तर पर डीएम और कई विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों को शामिल करते हुए जिला गजेटियर समिति का गठन किया जाना है। समिति ही गजेटियर को हिंदी भाषा में तैयार करने के लिए सूचनाएं संकलन और टाइपिंग का काम करेगी। इसके बाद डिजिटल फॉर्म में डाटा तैयार करके पब्लिकेशन के लिए राज्य जिला गजेटियर कार्यालय को उपलब्ध कराया जाएगा। सभी डीएम को निर्देश दिए गए हैं कि जिला गजेटियर तैयार किए जाने के लिए जिला स्तरीय समिति गठित करें। जानकारों की मानें तो अंग्रेजी हुकूमत में पहला गजेटियर इंपीरियर गजेटियर ऑफ इंडिया के नाम से वर्ष 1881 में प्रकाशित हुआ था। सीडीओ जग प्रवेश ने बताया कि गजेटियर बनाने की चिट्ठी नहीं मिली है जो गाइडलाइन जारी होगी, उसी के अनुसार गजेटियर तैयार कराया जाएगा।

इन विभागों के अधिकारी समिति में होंगे शामिल: जिला गजेटियर समिति में डीएम, एसएसपी, कमिश्नरी वाले मंडलों में पुलिस आयुक्त, सीडीओ, जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा नामित अपर जिला न्यायाधीश, प्रभागीय वनाधिकारी, एडीएम वित्त एवं राजस्व, मुख्य अभियंता या अधीक्षण अभियंता/अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड लोनिवि और सिंचाई विभाग,

जिला सूचना विज्ञान अधिकारी, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी, डीआईओएस/बीएसए, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, समाज कल्याण अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, जिलाधिकारी द्वारा नामित अन्य अधिकारी विषय विशेषज्ञ/गैर सरकारी संस्था।

गजेटियर में संपूर्ण प्रमाणिक जानकारी होगी: जिला गजेटियर अधिकारियों की जानकारी और सुविधा के लिए गजेटियर में भौगोलिक, सांस्कृतिक, समाज-संबंधी जानकारियों का यथासंभव सचित्र संचयन होता है।

गजेटियर एक क्षेत्र विशेष का वर्णनात्मक विवरण है, जिसमें जिले के इतिहास, भूगोल, जलवायु, अवस्थिति, वर्षा, जनसंख्या, साक्षरता, उद्योग-धंधों, आर्थिक गतिविधियों, नगरों, जातियों, भाषा-साहित्य, संस्कृति आदि बातों का उचित आंकड़ों सहित उल्लेख होगा। गजेटियर जिले का एक सरकारी दस्तावेज होता है, जो सबसे प्रामाणिक माना जाता है, गजेटियर में जिले का इतिहास ही नहीं, बल्कि उस जिले के बारे में एक-एक जानकारी होती है।

2010 के प्रोजेक्ट को अब राज्य सरकार अमलीजामा पहनाने में जुटी:  2010 में तत्कालीन केंद्रीय गृह सचिव जीके पिल्लई की अध्यक्षता में केंद्र सरकार ने राज्यों व जिलों का नया गजेटियर बनवाने के लिए एक कमेटी गठित की थी। तब पिल्लई ने देश के सभी मुख्य सचिवों को महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की जानकारी देकर इस दिशा में तेजी से कार्य करने के निर्देश देते हुए चिट्ठी जारी की थी। अब उत्तर प्रदेश में इसे अमलीजामा पहनाने के लिए मुख्य सचिव ने मंजूरी दी है।

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