हल्द्वानी: आउटसोर्स कर्मी माली हैं या ड्राइवर, बताए जंगलात

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Published By Bhupesh Kanaujia
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हल्द्वानी, अमृत विचार। वन विभाग के आउटसोर्स कर्मचारियों को वेतन के लिए अभी इंतजार करना होगा। वेतन जारी होने में एक और पेच फंस गया है। शासन ने जंगलात से आउटसोर्स कर्मचारियों के काम के ब्योरे को लेकर रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट मिलने के बाद ही शासन इनका वेतन निर्गत करने को लेकर फैसला लेगा।

वन विभाग में समूचे उत्तराखंड में 2,110 आउटसोर्स कर्मीं हैं जो विभिन्न पदों कंप्यूटर ऑपरेटर, ड्राइवर, माली, वन रक्षक का सहायक, कुक वगैरह का काम करते हैं। इन कर्मचारियों को पिछले 8 माह से वेतन नहीं मिला है, इसको लेकर ये कर्मी आंदोलनरत हैं।

वन विभाग के अनुसार आउटसोर्स कर्मचारियों को जिस मद में वेतन दिया जाता था उसमें बदलाव किया गया था। इस वजह से वन विभाग की ओर से वेतन नहीं दिया जा सका है। इसके बाद गुस्साए कर्मचारियों ने वेतन की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया था। इधर, आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन को लेकर पीसीसीएफ ने शासन में वार्ता की। इसके बाद शासन ने वन विभाग से इन कर्मचारियों के काम का ब्योरा मांगा है। 

 इसके लिए चार श्रेणी माली, ड्राइवर, सहायक व चतुर्थ श्रेणी बनाई गई है। इन आउटसोर्स कर्मचारियों को इन श्रेणी में सूचीबद्ध करना होगा ताकि इन कर्मचारियों का काम तय हो सके। पीसीसीएफ ने प्रदेश की सभी वन डिवीजनों से इसका डाटा मांगा है। डाटा मिलने के बाद यह रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। फिर शासन इन कर्मचारियों के वेतन को लेकर फैसला लेगा। फिलहाल अभी दो-तीन माह तक इन कर्मचारियों को वेतन के लिए इंतजार करना पड़ सकता है।
पीसीसीएफ अनूप मलिक ने बताया कि आउटसोर्स कर्मचारियों की डिवीजनवार रिपोर्ट मिलने के बाद शासन को भेजी जाएगी। वेतन को लेकर शासन ही फैसला लेगा।


नई भर्तियों पर लगाई रोक
शासन ने वन विभाग में आउटसोर्स कर्मचारियों की नई भर्ती पर रोक लगा दी है। इसको लेकर वर्ष 2018 को जारी हुए एक शासनादेश का भी हवाला दिया गया है। साथ ही स्पष्ट किया है कि यदि आउटसोर्स से नई नियुक्ति की जाती है तो शासन से इसकी अनुमति लेनी होगी। फिर जेम पोर्टल से आउटसोर्स कर्मियों की भर्ती करनी होगी, विभागीय तौर पर की गई नियुक्ति मान्य नहीं होगी।
 

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