बरेली: लोकसभा चुनाव से पहले सपा में मनमुटाव दूर करने की कवायद

Amrit Vichar Network
Published By Moazzam Beg
On

बरेली, अमृत विचार। लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी में चल रही गुटबाजी को खत्म करने की कवायद शुरू हो गई है। हाईकमान के दबाव में मंगलवार को पार्टी के सभी प्रमुख नेताओं ने साथ बैठकर गिले-शिकवे दूर करने की कोशिश की। जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर खुलकर सफाई दी। मनमुटाव दूर करने के बाद पार्टी में अनुशासन कायम करने और फर्जी आईडी के जरिए दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने पर सहमति तो बनी।

एक रेस्टोरेंट में देर शाम प्रदेश महासचिव अताउर रहमान की ओर से बुलाई गई बैठक में पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार, सुल्तान बेग और प्रदेश सचिव शुभलेश यादव नहीं पहुंचे। बैठक में जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप पर निकाय चुनाव में टिकट बंटवारे में मनमानी का खुला आरोप लगाया गया, जिस पर उन्होंने सफाई दी कि सारे टिकट विधायकों के कहने पर ही दिए गए थे। उनका कोई हस्तक्षेप नहीं था। पूर्व सांसद वीरपाल सिंह यादव ने कहा कि अगर छोटे बड़ों का सम्मान नहीं करेंगे तो पार्टी मजबूत नहीं हो पाएगी। सम्मान मिलेगा तभी कोई पार्टी में आएगा। सभी नेताओं ने इस पर सहमति जताई।

पूर्व विधायक आरके शर्मा ने जिलाध्यक्ष और महासचिव संजीव यादव के बीच विवाद का मामला बैठक में उठाया। बोले, दोनों नेताओं की नियुक्ति राष्ट्रीय अध्यक्ष की संस्तुति से हुई है, इसलिए विवाद नहीं होना चाहिए। अताउर रहमान और वीरपाल सिंह यादव ने दोनों को गले मिलवाकर विवाद खत्म कराया।

पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन ने कहा कि लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी कोई भी हो, पार्टी में एकजुटता होनी चाहिए। तय हुआ कि पार्टी में अब पुरानी बातों का कोई जिक्र नहीं होगा। फर्जी आईडी के जरिए सोशल मीडिया पर पार्टी की छवि खराब करने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।

यह भी तय हुआ कि पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ताओं का वरिष्ठ नेताओं की निगरानी में जिला स्तर पर अभ्यास सत्र लगाया जाएगा। पार्टी में एकजुटता के लिए प्रदेश महासचिव की पहल की सभी ने सराहना की है। तय किया गया कि 2024 में लोकसभा चुनाव एकजुटता से लड़ा जाएगा। बैठक में पूर्व विधायक इस्लाम साबिर, विधायक शहजिल इस्लाम, विजय पाल सिंह, आरके शर्मा, अगम मौर्य, राजेश अग्रवाल, शमीम खां सुल्तानी, कदीर अहमद, अरविंद यादव, संजीव यादव, मयंक शुक्ला मोंटी आदि मौजूद रहे।

ये भी पढे़ं- बरेली: चार सौ बीघा जमीन पर कब्जा कराने वाले लेखपाल ने नहीं दिया जवाब

 

 

 

संबंधित समाचार