Kanpur News: जाजमऊ में बढ़ी सरगर्मी, सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय, पिता शरीफ, बेटा ऐसे बन गया आतंकी
कानपुर के जाजमऊ में आतंकियों का घर है।
कानपुर के जाजमऊ में आतंकियों का घर है। जाजमऊ में सरगर्मी बढ़ने पर सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गई। इसके साथ ही आतंकी गंगा की रेती में प्रशिक्षण और परीक्षण करते रहे है।
कानपुर, अमृत विचार। रमेश बाबू शुक्ला की हत्या करने वाले दो आतंकियों को सजा-ए-मौत का फैसला होने के बाद जाजमऊ में दबी जुबान में तरह तरह की चर्चा हो रही हैं। हालांकि इस मामले में हर कोई बोलने से कतरा रहा है लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की सरगर्मी यहां बढ़ गई है। इलाके के लोग आतंकियों के परिवारों से सामाजिक दूरी होने की बात कहते हैं, लेकिन वास्तविकता इससे परे है।
जाजमऊ के मनोहर नगर ऊंचा टीला स्थित एटीएस द्वारा मारे जा चुके आतंकी सैफुल्लाह का घर हो या बंगालीघाट स्थित मास्टरमाइंड आतंकी गौस मोहम्मद खान का। दोनों के घरों के बाहर सन्नाटा ही दिखा। दो आतंकी आतिफ मुजफ्फर और मोहम्मद फैसल को सजा-ए-मौत की सजा के बाद सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गईं हैं। पूरे क्षेत्र में जगह-जगह लोग एकत्रित होकर इसी बात पर चर्चा करते रहे।
अमृत विचार की टीम जाजमऊ के मनोहर नगर ऊंचा टीला निवासी आतंकी सैफुल्लाह के घर पहुंची जहां उसका गेट बंद था। दरवाजों और खिड़कियों पर पर्दे पड़े थे। कुछ ही पलों में एक शख्स ऊपर छत से झांककर तुरंत पीछे हट गया। पर्दा पड़ी खिड़की से एक शख्स पर्दा हटाकर झांक कर देखता है। यह व्यक्ति सैफुल्लाह का सबसे बड़ा भाई खालिद बताया गया। उससे कुछ बात करने का प्रयास करते ही जवाब आता है, कोई बात नहीं करनी। मुख्य लोहे के गेट की अंदर की कुंडी लगा दी जाती है। कुछ देर ठहरने के बाद तेज आवाज में वहां से जाने को कहा जाता है।
आतंकी अंकल ने किया था ब्रेनवॉश
जाजमऊ के बंगाली घाट के किनारे एकांत में दो मंजिला बने आतंकी अंकल के नाम से मशहूर एयरफोर्स कर्मी रहे गौस मोहम्मद का मकान है। टीम को पता चला कि मकान में उनके बड़े भाई आकिब के परिवार के अलावा गौस की पत्नी के साथ बेटा-बेटी रहते हैं। बताया गया कि गौस का नाम आतिफ उर्फ जीएम भी है। उसके पिता परवेज प्रॉपर्टी का काम करते थे।
लोगों ने बताया कि उसकी पत्नी मुकदमों की तारीख पर जाती है। लखनऊ में मारे गए आतंकी सैफुल्लाह के घर से महज तीन सौ मीटर की दूरी पर गौस का घर है। गौस मोहम्मद उर्फ जीएम आतंकी गुट का मास्टरमाइंड था। वह नौजवानों को बरगलाने का कार्य करता था। उसने आतंकी आतिफ मुजफ्फर का इस कदर ब्रेनवॉश किया था कि उसने अपनी जमीन बेचकर गुट में 22 लाख लगाए थे।
पिता शरीफ, बेटा आतंकी
मौत की सजा पाने वाला आतंकी आतिफ मुजफ्फर का परिवार गंगा विहार कालोनी जाजमऊ में रहता था। उसके पिता दिवंगत मौलाना मुजफ्फर एक नामी कॉलेज के मैनेजर रह चुके थे और इलाके के काफी शरीफ बाशिंदे माने जाते थे। मोहल्ले में उनकी खासी इज्जत थी। काफी मददगार थे। परिवार सभ्य माना जाता था लेकिन आतिफ मुजफ्फर कुछ भड़काऊ लोगों के संपर्क में आकर बिगड़ गया और इस अंजाम तक पहुंच गया।
जाजमऊ के पार, कट्टरपंथ और अपराध अपार
जाजमऊ में गंगा पार बीते 15 वर्षों में विकसित हुआ नया इलाका आतंक की पनाहगाह से लेकर प्रशिक्षण और परीक्षण तक का अड्डा बन गया है। एटीएस की निगाहें इस इलाके पर जम गई हैं। एनआईए भी छह वर्ष पहले यहां आतंक के प्लॉट का मुआयना भी कर चुकी है। उज्जैन ट्रेन ब्लॉस्ट केस की चार्जशीट में भी बताया था कि कैसे गंगा किनारे की इस जगह पर कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाले काम हुए हैं। कैसे आतंकी प्रशिक्षण के लिए गंगा की रेती का इस्तेमाल किया गया।
यह खुलासा लखनऊ के दुबग्गा में पकड़े गए अलकायदा के आतंकी मिनहाज ने पूछताछ में किया था। वह जाजमऊ में गंगा पार एक इबादतगाह में कई दिन तक ठहरा था। वहां से उसे फंडिंग भी मिली। इसके अलावा कई लोगों से वह वहां मिलता जुलता भी रहा। इस इलाके में टेनरियों में काम करने वाले मजदूर भी बड़ी संख्या में रहते हैं। इलाका बीते कुछ सालों में तेजी से विकसित हुआ है, लेकिन उतनी ही तेजी से यह इलाका कट्टरपंथियों के लिए भी आश्रय गृह की तरह बन चुका है।
रेती में पनप रहा अपराध
जाजमऊ में गंगा के पार बंगाली घाट इलाके के आसपास कई किलोमीटर तक गंगा की रेती है। यह इलाका आपराधिक गतिविधियों के लिए भी कुख्यात है। वर्ष 2017 में पकड़े गए आतंकियों से पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ था कि रेती के इलाके में बम बना कर उसका परीक्षण और शस्त्र चलाने का प्रशिक्षण लिया था।
यहां से पहले पकड़े जा चुके यह आतंकी
सैफुल्लाह, दानिश, (दानिश का चचेरा भाई) आतिफ मुजफ्फर, आतिश उर्फ अलकासिम, गौस मोहम्मद और आसिफ इकबाल समेत कई आतंकी यहीं से एटीएस द्वारा दबोचे जा चुके हैं।
