उत्तर प्रदेश बनेगा भारत का इनोवेशन हब, स्टार्टअप क्रांति को गति दे रहे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
लखनऊ, अमृत विचार: प्रदेश में स्थापित 7 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तकनीक, स्टार्टअप्स और अनुसंधान को नई दिशा दे रहे हैं। ये केंद्र न केवल युवाओं को वैश्विक स्तर की तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं, बल्कि प्रदेश को इनोवेशन हब बनाने की दिशा में योगी सरकार के विजन को भी मजबूत कर रहे हैं।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, मेडटेक, टेलीकॉम (5जी/6जी), ड्रोन, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग और ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों पर कार्य हो रहा है। सरकार का मानना है कि इन क्षेत्रों में प्रशिक्षित युवा उत्तर प्रदेश को स्टार्टअप के बड़े गढ़ के रूप में स्थापित करेंगे।
यहां लैब सुविधा, रिसर्च सपोर्ट, प्रोडक्ट टेस्टिंग, को-वर्किंग स्पेस और विशेषज्ञ मेंटरशिप जैसी विश्वस्तरीय सुविधाएं दी जा रही हैं, ताकि कोई भी नवाचार संसाधनों के अभाव में रुक न सके। सरकार ने इन केंद्रों के लिए पूंजीगत अनुदान और संचालन सहायता की मजबूत व्यवस्था की है। पहले पांच वर्षों तक वित्तीय सहायता देकर इन्हें स्थिर आधार दिया जाएगा और इसके बाद ये नवाचार, उद्योग साझेदारी और स्व-विकास के माध्यम से आत्मनिर्भर बनेंगे।
आईटी व स्टार्टअप विशेषज्ञ सुनील गुप्ता के अनुसार, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का प्रभाव तकनीक तक सीमित नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा और स्वच्छता जैसे सामाजिक क्षेत्रों में भी तकनीक आधारित समाधान विकसित हो रहे हैं। छोटे शहरों के युवाओं को भी बड़े महानगरों जैसी सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं, जिससे क्षेत्रीय विकास को गति मिल रही है।
प्रदेश के 7 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
• गौतमबुद्ध नगर : ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी
• लखनऊ : मेडटेक
• कानपुर नगर : टेलीकॉम
• गौतमबुद्ध नगर : एआई और इनोवेशन ड्रिवेन एंटरप्रेन्योरशिप
• सहारनपुर : टेलीकॉम
• कानपुर नगर : ड्रोन व यूएवी टेक्नोलॉजी
• गाज़ियाबाद : एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग
