रुद्रपुर: जिले के 20 खाद्य कारोबारियों पर 356000 रुपये का अर्थदंड
रुद्रपुर, अमृत विचार। न्याय निर्णायक अधिकारी व अपर जिला मजिस्ट्रेट (वित्त व राजस्व) अशोक कुमार के न्यायालय में वित्तीय वर्ष 2002-23 में वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी व खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने मावा, दूध, मिल्क क्रीम समेत अन्य खाद्य पदार्थों को लेकर न्यायालय में वाद दायर किया था।
न्याय निर्णायक अधिकारी व अपर जिला मजिस्ट्रेट ने मामले की सुनवाई के बाद इन खाद्य पदार्थों को एफएसएस एक्ट 2006 के मानकों के अनुरूप नहीं पाया। साथ ही विक्रय, संग्रहण और निर्माण करने वाले 20 खाद्य कारोबारियों पर 356000 रुपये का अर्थदंड लगाया है।
जिला अभिहित अधिकारी ऊधमसिंह नगर डॉ. प्रकाश फुलारा ने बताया कि जनवरी 2023 के बाद अलग-अलग माह में मावा, दूध, मिल्क क्रीम, पनीर, घी, मिठाई, तेल, चीनी, आटा, मैदा एवं बिना खाद्य लाइसेंस और पंजीकरण के बिकने वाले 20 खाद्य पदार्थों के नमूने लिये गये थे। जो राज्य खाद्य एवं औषधि जांच प्रयोगशाला रुद्रपुर की जांच रिपोर्ट में मानकों के अनुरूप नहीं पाये गये थे।
इसको लेकर वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी व खाद्य सुरक्षा अधिकारी न्यायालय में वाद दायर किया गया था। उन्होंने बताया कि सितंबर माह में मामले की सुनवाई के बाद न्यायालय में दायर 20 वादों को निस्तारण किया गया है।
उन्होंने बताया कि अधोमानक मावा की बिक्री पर 21000, दूध की बिक्री पर 65000, मिल्क क्रीम की बिक्री पर 7000, पनीर की बिक्री पर 11000, घी की बिक्री पर 9000, मिठाई की बिक्री पर 16000, तेल की बिक्री पर 15000, आटा व मैदा की बिक्री पर 175000, चीनी की बिक्री पर 3000 व अन्य मामलों में 14000 रुपये का अर्थदंड लगाया गया है।
उन्होंने सभी खाद्य कारोबारियों को निर्देश देते हुए कहा कि खाद्य एवं पेय पदार्थों का विक्रय, संग्रहण और निर्माण मानकों के अनुरूप नहीं किया गया तो उनके विरूद्ध कठोर विधिक कार्यवाही की जायेगी। आम जनमानस से अपील करते हुए कहा कि खाद्य एवं पेय पदार्थों को खरीदते समय निर्माण तिथि व उपभोग की तिथि व खाद्य कारोबारी का खाद्य लाइसेंस एवं पंजीकरण अवश्य देख लें। साथ ही निम्न गुणवत्ता, अस्वछकर एवं अस्वास्थ्यकर खाद्य सामग्री विक्रय किये जाने पर टोल फ्री नम्बर 18001804246 पर शिकायत करें।
