हल्द्वानी: एसटीएच में एनेस्थीसिया विभाग की लापरवाही से बच्चे की मौत

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Published By Bhupesh Kanaujia
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न्यूरो सर्जन ने तुरंत ऑपरेशन की दी सूचना, विभाग ने समय पर नहीं दिया फिटनेस

हल्द्वानी, अमृत विचार। एसटीएच में एनेस्थीसिया विभाग की लापरवाही से एक 11 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। बच्चे के सिर पर गंभीर चोट थी। उसका तुरंत ऑपरेशन होना था, लेकिन विभाग की हीलाहवाली से समय पर ऑपरेशन के लिए फिटनेस नहीं मिल पाई। जिस कारण शनिवार को बच्चे ने दम तोड़ दिया।

गरुड़ (बागेश्वर) निवासी कृष्णा (11) छत से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया था। जिस पर परिजन उसे बीती 5 अक्टूबर की रात लगभग 2 बजे एंबुलेंस से एसटीएच लेकर आये। यहां इमरजेंसी में डॉक्टरों ने हालत गंभीर देख उसे भर्ती कर लिया। 6 अक्टूबर की सुबह 8 बजे न्यूरो सर्जन डॉ. अभिषेक राज ने कृष्णा को देखा।

जांच में ब्रेन हेमरेज की पुष्टि हुई। इस पर डॉ. अभिषेक ने 9 बजे एनेस्थीसिया विभाग को ऑपरेशन के लिए रेफरेंस भेजा। लेकिन विभाग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। शाम लगभग 6 बजे विभाग के डॉक्टर कृष्णा को देखने पहुंचे। शनिवार की सुबह 9-10 बजे कृष्णा को ऑपरेशन के लिए लाया गया, लेकिन ऑपरेशन थियेटर (ओटी) खाली न होने के कारण ऑपरेशन नहीं हो पाया। दोपहर करीब 1 बजे उसने दम तोड़ दिया। बच्चे की मौत से परिवारजनों में दुख पहाड़ टूट पड़ा। बताया जाता है कि परिजन रोते-बिलखते शव को लेकर घर को रवाना हो गये हैं। 

तड़पता रहा कृष्णा, 9 घंटे बाद ली सुध
सिर पर गंभीर चोट लगने से घायल कृष्णा एसटीएच में दर्द से तड़पता रहा। न्यूरो सर्जन ने तुरंत ऑपरेशन की जरूरत बताई। लेकिन एनेस्थीसिया विभाग ने 9 घंटे बीतने के बाद उसकी सुध ली। विभाग की इस लापरवाही ने कृष्णा की जान ले ली। अगर समय रहते उसे एनेस्थीसिया विभाग फिटनेस दे देता तो शायद वह आज जीवित होता। 

एनेस्थीसिया विभाग से परेशान हैं सभी डॉक्टर
किसी भी मरीज के ऑपरेशन में एनेस्थीसिया विभाग का अहम रोल होता है। विभाग से फिटनेस मिलने के बाद ही मरीज का संबंधित डॉक्टर ऑपरेशन करते हैं। लेकिन एसटीएच में पिछले कुछ समय से डॉक्टर एनेस्थीसिया विभाग से परेशान हैं। मरीजों को फिटनेस न मिलने से उनके समय पर ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में मरीजों को निजी अस्पतालों की ओर रूख करना पड़ रहा है।

मामला संज्ञान में नहीं है। लिखित शिकायती आती है तो संबंधी विभाग से स्पष्टीकरण मांगा जायेगा। इसके बाद ही कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।
- डॉ. अरुण जोशी, प्राचार्य, राजकीय मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी


मामले की जानकारी नहीं है। बच्चे की मौत किस वजह से हुई इसकी जानकारी ली जायेगी। उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
- डॉ. जीएस तितियाल, एमएस, एसटीएच हल्द्वानी


हेडेंजरी केस में मरीज का एक-दो घंटे के अंदर ऑपरेशन करना होता है। एनेस्थीसिया विभाग को सूचना दे दी गई थी। लेकिन समय पर फिटनेस नहीं मिल पाई।
- डॉ. अभिषेक राज, न्यूरो सर्जन, एसटीएच हल्द्वानी

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