वायुसेना दिवस: वायु वीरों ने आसमान में बादलों के बीच दिखाया शौर्य, देखें तस्वीरें...

Amrit Vichar Network
Published By Sachin Sharma
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प्रयागराज। वायुसेना के 91वें जन्मदिवस पर मध्य कमान बमरौली में परेड के बाद संगम स्थित किले में एयर शो आयोजित किया है। मुख्य अतिथि के रूप में  उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने शिरकत की इस दौरान सेवा के कई आलाधिकारी भी पहुंचे और भारतीय वायु सेवा द्वारा आयोजित इस एयर शो को देखकर मंत्रमुग्ध हो उठे।

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 भारतीय वायुसेना के इस एयर शो में विंटेज विमान टाइगर मॉथ, हार्बट ट्रेनर, ट्रांसपोर्ट जहाज सी वन थर्टी, आईएल 78, चेतक हेलीकॉप्टर और रुद्र हेलीकॉप्टर देखने को मिले। भारतीय वायुसेना के फाइटर प्लेन देश में बने लोकप्रिय जहाज तेजस के आश्चर्यचकित करने वाले करतब देख विशिष्ट अतिथियों के साथ-साथ आम जनमानस के द्वारा हर्ष से भारत माता की जय के नारों से पूरा संगम क्षेत्र गूंज उठा।

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कारगिल में दुश्मन के छक्के छुड़ाने वाला मिराज 2000 ने भी यहां आसमान में अपने करतबों से दर्शकों का दिल जीता।जबकि भारतीय वायुसेना में अपनी आयु पूरी कर चुके मिग-21 ने अपना दम दिखाया। फ्रांस से खरीदे गए राफेल जहाज को प्रयागराज के आसमान में गरजते देखा गया। इसके अलावा कोबरा हेलीकॉप्टर और एसयू थर्टी जहाज भी दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींचा।आकाशगंगा की टीम के स्काई डाईवर्स वायुसेना के विमानों से संगम तट पर उतरकर लोगों में भारतीय वायुसेना के प्रति जज्बा और रोमांच भरने का भी काम किया। 

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वायु सेवा प्रमुख ने देश की आन बान और शान की रक्षा करने वाले मिग 21 विमान के शौर्य और पराक्रम का उल्लेख करते हुए भावभीनी विदाई दी। उन्होंने बताया कि मिग 21 विमानो द्वारा कारगिल युद्ध के दौरान किस तरीके से दुश्मनों के छक्के छुड़ाएं।  कहा कि आज वायु सेना का एक अध्याय सदा के लिए अपनी सेवा से छुट्टी ले रहा है, और उसे विदा करने में पूरा वायु सेवा परिवार जहां एक और दुखी भी है, वही मिग 21 उड़ने वाले पायलटो के साहस और शौर्य का सदैव ऋणी रहेगा, और जिन वायु पराक्रमियों ने इस विमान को उड़ते हुए अपने प्राणों को देश के लिए निछावर कर दिया। 

संगम तट पर हो रहे इस एयर शो को देखकर आम जनता देश के गौरव और सम्मान में भारत माता की जय और हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारों से पूरे संगम तट को मोतियों के माला की तरह गूथ के रख दिया। इस एयर शो को देखने के लिए न केवल प्रयागराज बल्कि आसपास के जिलों के लोग भी हजारों की संख्या में पहुंचे। लोगों को जहां भी स्थान मिला वह वहां से इस एयर शो को देखने और हवाई जहाज के करतब को देखने कर ,देश की शक्ति और इन वीर जवानों की मेहनत पर तालियां बजाते दिखे।

वहीं दूसरी ओर तीनों सेना के अंगो के बैंड द्वारा किए जा रहे हैं अद्भुत प्रदर्शन को सुनकर न केवल नौजवान बल्कि छोटे-छोटे बच्चों तक में देश प्रेम की भावना जाग जाग्रत हो उठी। कई स्थानों पर आम जनमानस अपने हाथों में तिरंगा लिए हुए भी दिखे। पूरे एयर शो को देखने के लिए प्रशासन एवं सेना द्वारा पास व्यवस्था की गई थी, लेकिन देश की इस गौरव को देखने के लिए आम जनता की भीड़ के आगे सारी व्यवस्थाएं धरी की धरी रह गई। प्रशासन की मनाही के बावजूद भी नैनी के नए पुल एवं झूसी पुल के ऊपर लोगों इकट्ठे हो गये।

72 वर्षों के बाद सेना को मिला नया ध्वज

बता दें कि वायु सेना की 91वीं वर्षगांठ पर इतिहास के पन्नों में एक और नया अध्याय जुड़ गया है। रविवार को आयोजित हुए एशिया के सबसे बड़े एयर शो में भारतीय वायु सेना को नया ध्वज म‍िला है। यह बदलाव 72 वर्षों के बाद किया गया है। वायु सेना अध्यक्ष चीफ एयर मार्शल वीआर चौधरी ने वार्षिक वायु सेना दिवस परेड के दौरान नये ध्वज का अनावरण किया। नया ध्वज सात दशक पहले अपनाए गए पुराने ध्वज की जगह ले ली है।

रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी ग्रुप कैप्टन समीर गंगाखेडकर ने बताया कि इसमें चिनूक, चेतक, जगुआर, अपाचे और राफेल समेत कई विमान आपनी ताकत का प्रदर्शन किया। उन्होने कहा कि भारतीय वायु सेना के इतिहास में यह दिन एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में दर्ज किया जायेगा। न‌ए ध्वज में सबसे ऊपर दाएं कोने में भारतीय वायु सेना का चिह्न होगा। आधिकारिक तौर पर आठ अक्टूबर 1932 को भारतीय वायुसेना की स्थापना की गई थी।

उन्होने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसकी पेशेवर दक्षता और उपलब्धियों को देखते हुए मार्च 1945 में बल को रॉयल उपसर्ग से सम्मानित किया गया था। इसलिए यह रॉयल इंडियन एयर फोर्स (आरआईएएफ) बन गई थी। साल 1950 में भारत के गणतंत्र बनने के बाद वायुसेना ने अपना रॉयल उपसर्ग हटा दिया था और ध्वज में संशोधन किया था। पीआईबी द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक इतिहास में मुड़कर देखें तो रॉयल इंडियन एयर फोर्स (आरआईएएफ) के ध्वज में ऊपरी बाएं कैंटन में यूनियन जैक और फ्लाई साइड (बाहरी हिस्से) पर आरआईएएफ राउंडेल (लाल, सफेद और नीला) शामिल था।

स्वतंत्रता के बाद निचले दाएं कैंटन में यूनियन जैक को भारतीय तिरंगे और आरएएफ राउंडल्स को आईएएफ ट्राई कलर राउंडेल के साथ भारतीय वायु सेना का ध्वज बनाया गया था। कैंटन एक आयताकार प्रतीक होता है, जो झंडे के ऊपर बाईं ओर बनाया जाता है और आमतौर पर झंडे के एक-चौथाई हिस्से में होता है। किसी झंडे का कैंटन अपने आप में एक झंडा हो सकता है। अब ध्वज के ऊपरी दाएं कोने में फ्लाई साइड की ओर वायु सेना क्रेस्ट के शीर्ष पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिह्न और उसके नीचे देवनागरी में सत्यमेव जयते शब्द लिखा है।

अशोक चिह्न के नीचे एक हिमालयी गरुड़ है, जिसके पंख फैले हुए हैं और यह भारतीय वायुसेना के युद्ध कौशल को दर्शाता है। हल्के नीले रंग का एक वलय हिमालयी गरुड़ को घेरे हुए है, जिस पर भारतीय वायु सेना लिखा है। भारतीय वायु सेना का आदर्श वाक्य ‘नभः स्पृशं दीप्तम्’ हिमालयी गरुड़ के नीचे देवनागरी में सुनहरे अक्षरों में अंकित है, जिसे भगवद गीता के अध्याय 11 के श्लोक 24 से लिया गया है और इसका अर्थ है वैभव के साथ आकाश को छूना है।

भारत मां को प्रणाम करता चेतक

संगम नगरी में एयर-शो से पहले वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने रिहर्सल किया। राफेल, सुखोई, मिग और जगुआर जैसे प्लेन आसमान में कलाबाजी खाते हुए नजर आए। इन्हें देखने के लिए 10 लाख लोग पहुंचे थे। बादलों के बीच से जगुआर अचानक गर्जना करते हुए आते, फिर चंद सेकेंडों में गायब हो गया। 

आसमान काम पक्षी की तरह दिखे पैराट्रूपर्स

ए एन-32 बोइंग विमान से पैराट्रूपर्स 8000 फीट की ऊंचाई से नीचे किले के सामने उतरे तो वहीं चेतक, सूर्य किरण टीम ने हेलीकॉप्टरों से काफी नजदीक आकर लाखों की संख्या में आए दर्शकों का अभिवादन और स्वागत किया। विमान से उतरने के बाद 9 पैराट्रूपर्स के 8000 फीट की ऊंचाई से उतरते हुए मौजूद भीड़ को आकर्षित कर लिया। लाखों की भीड़ उन्हें आसमान में काफी देर तक ढूंढती रही। काफी देर बाद वो पक्षी की तरह आसमान में रंग बिरंगे पैराशूट लेकर उतरते दिखाई दिये।

दो लाख से अधिक लोग बने एयर शो का हिस्सा

वायुसेना दिवस पर रविवार को आयोजित एयर शो को लेकर शहरियों में खासा उत्साह दिखा। इसमें दो लाख से अधिक लोग शामिल हुए। इसको लेकर प्रशासन चौकन्ना रहा। संगम, अरैल, झूंसी, सरस्वती घाट आदि स्थानों पर प्रशासन ने एयर शो देखने की विशेष व्यवस्था की गई थी। इन यहां आवागमन, सुरक्षा, स्वास्थ्य समेत अन्य इंतजाम भी किए गए हैं। डीएम व अफसरों ने निरीक्षण कर पहले ही जरूरी निर्देश दिया था।

एयर शो का आयोजन ढाई से साढ़े चार बजे के बीच हुआ। इस दौरान सबसे अधिक गर्मी रही। अरैल व छतनाग घाट की ओर से एयर शो देखना भी काफी मुश्किल भरा रहा। एयर शो के समय पर सूर्य देव पश्चिम और दक्षिण दिशा की तरफ ढलान पर रहे। ऐसे में छतनाग व अरैल की तरफ से आसमान में देखने पर सूरज की किरणें सीधे आंखों में पड़ी।

एयर शो में होती रही कमेंट्री

संगम नगरी में एयर शो के दौरान प्रशासन की तरफ से लगातार एयर शो की कमेंट्री भी होती रही। कमेंट्री के जरिये दर्शकों को विमान के द्वारा दिखाए जा रहे करतब की जानकारी बताई जा रही थी। जिससे लोगो को देखने के साथ उसके बारे में जानकारी भी मिल रही थी। 

बमरौली एयरफोर्स स्टेशन पर संपन्न हुई परेड

मध्य वायु कमान में 91वें स्थापना दिवस पर बमरौली एयरफोर्स स्टेशन पर परेड संपन्न हो गई है। सुबह पैरा हैड ग्लाइडर की एंट्री के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। पैरा ग्लाइडर ने 360 डिग्री हवा में चक्कर लगाया। दर्शकों ने जबदस्त करतब देख तालियों से पैरा ग्लाइडर का जोरदार स्वागत किया। दो पैरा मोटर ने हवा में करतब दिखाए तो लोग अपनी शीट से खड़े हो गए। पैरा मोटर 40 किमी प्रतिघंटा की गति से हवा में चलता हुआ दर्शकों के बीच से गुजरा।

दोनों पैरा मोटर हवा में दर्शकों के नजदीक आकर अभिवादन किया। लोगों की तालियों से पंडाल गूंज उठा। इसके बाद 8000 फीट की ऊंचाई से पैराट्रूपर्स कूदे और 150 किमी. प्रति घंटा की गति से नीचे आए। यह देख कर दर्शक रोमांचित हो उठे। परेड की सलामी एयर चीफ मार्शल वीएस चौधरी ने ली। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में सीडीएस अनिल चौहान शामिल हुए। परेड के दौरान वायु सेना प्रमुख ने भारतीय वायु सेवा के नए झंडे का भी अनावरण किया।

नई तकनीकि के साथ आगे बढ़ रही सेना: वीआर चौधरी

मुख्य अतिथि एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने वायु सेना दिवस की बधाई दी। उन्होंने सेना के द्वारा पिछले एक वर्ष के दौरान किए गए कार्यों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना हर चुनौती का सामना करने के लिए हर समय तैयार है। कहा कि भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनेगा। इसी के साथ सेना भी नई तकनीकि के साथ आगे बढ़ रही है।

बाबा ई "एयर-शो" बा कि महाकुम्भ के मेला, चला चली घरे

संगम नगरी प्रयागराज में रविवार को एयरफोर्स-डे के 91वें स्थापना दिवस के आयोजन ने महाकुंभ के मेले को भी पीछे छोड़ दिया।  संगम और अरैल घाट पर सुबह 10 बजे से ही लाखो की भीड़ देखकर यह लग रहा कि 2025 का महाकुम्भ शुरु हो गया है। ग्रामीण इलाकों से आये लोगों ने घाट पर मौजूद भीड़ और सड़कों पर लगे जाम को देख बुजुर्ग ने कहा कि बाबा ई "एयर-शो" बा कि महाकुम्भ के मेला, चला चली घरे। 

 संगम नगरी प्रयागराज में पिछले एक सप्ताह से एयर शो को लेकर की जा रही तैयारी की जा रही थी। जिसके देखने के लिये प्रयागराज जिले के अलावा अन्य आसपास के जनपदों से भी लोग इस एयर शो को देखने के लिए पहुंचे थे। 
 एयर शो को देखने के लिए सुबह 10 बजे से ही संगम और अरेल घाट पर लोगों की भीड़ जुटने लगी थी। करीब 12 बजे तक पूरा संगम नोज और अरेल घाट खचाखच भरा हुआ था। भीड़ में पैदल चलने वालो को भी स्थान नहीं मिल रहा था। ग्रामीण इलाकों से भी आये लोग धक्कामुक्की खाने को मजबूर थे।

जिले के करछना, शंकरगढ़, चाक़घाट, कौशाम्बी, फतेहपुर, प्रतापगढ़ सहित तमाम जगहों से लोग पहुंचे थे। करछना से आये करीब 56 वर्ष के राम शिरोमणि मिश्रा भी उसी भीड़ का हिस्सा बने हुए थे। उन्होंने भीड़ में अपने साथ आये लोगों से कहा बाबा ई भीड़ माघ मेला के फेल करे बा। इतनी भीड़ मेला में नहीं होत। एयर शो देखने आये कुछ लोग तो भीड़ और जाम देखकर ही हिम्मत हार गये। हलाकि इस एयर शो में प्रशासन की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से फेल साबित हुई

प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वायु सेना दिवस के अवसर पर बधाई दी। पीएम ने कहा कि वायु सैनिकों की महान सेवा और त्याग हमारे आकाश की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत को भारतीय वायुसेना की वीरता, प्रतिबद्धता और समर्पण पर गर्व है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी बधाई

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वायु सेना स्थापना दिवस पर सभी भारतीय वायु सेना कर्मियों को शुभकामनाएं दीं।

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