युवाओं को नैनो मैकेनिक्स का समझाया गया महत्व, आईआईटी कानपुर में हुई कार्यशाला
कानपुर, अमृत विचार। भारतीय प्रद्योगिक संस्थान, कानपुर के एडवांस्ड सेंटर फॉर मैटेरियल्स साइंस और मैटेरियल्स साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग ने मिलकर कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला में नैनोमैकेनिक्स के महत्व सहित अन्य विषयों पर चर्चा हुई। विशेषज्ञो ने कहा कि भविष्य में नैनो मैकेनिक्स का महत्व और अधिक बढ़ जाएगा।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रोफेसर अनीश उपाध्याय, विभागाध्यक्ष, एसीएमएस, आईआईटी कानपुर ने की। इस दौरान प्रोफेसर कांतेश बलानी, विभागाध्यक्ष, एमएसई, आईआईटी कानपुर ने नैनोमैकेनिक्स के महत्व और इसके मैटेरियल डिजाइन तथा नए मैटेरियल खोज में उपयोग पर विस्तार से चर्चा की।
62 प्रतिभागियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जिनमें लगभग 10 प्रतिभागी ऑनलाइन जुड़े। संगोष्ठी में तीन तकनीकी व्याख्यान हुए। पहले व्याख्यान में प्रोफेसर कांतेश बलानी ने नैनोइंडेंटेशन की मूल अवधारणाएं समझाईं। दूसरे व्याख्यान में प्रोफेसर सुधांशु एस. सिंह ने कॉन्टिन्यूस स्टिफनेस मेजरमेंट्स की प्रक्रिया पर जानकारी दी।
तीसरे व्याख्यान में प्रोफेसर मंजेश सिंह ने ट्राइबोलॉजी की बुनियादी बातें और उसके उपयोग बताए। इसके अलावा डॉ. मोहम्मद एपी यज़्दी ने एक विशेष व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने इंडेंटेशन, स्क्रैच और ट्राइबोलॉजी के व्यवहारिक उपयोगों पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला में प्रतिभागियों ने उन्नत परीक्षण सुविधाओं का दौरा किया और एसीएमएस में आयोजित प्रायोगिक प्रदर्शन सत्र में हिस्सा लिया। समापन सत्र में प्रतिभागियों ने अपने सकारात्मक अनुभव साझा किए और इस प्रकार की और संगोष्ठियों के आयोजन की इच्छा जताई। कार्यक्रम का समापन प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित कर सौहार्दपूर्ण वातावरण में किया गया।
