पीलीभीत: चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी डाटा फीडिंग में लगा तो करने लगा भ्रष्टाचार का काम, एंटी करप्शन ने पकड़ा

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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पीलीभीत/बिलसंडा, अमृत विचार। जनपद में सरकारी कर्मचारियों के भ्रष्टाचार से जुड़ा एक और मामला सामने आया। बीआरसी कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर का काम संभाल रहे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को शिक्षक से पांच हजार की रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम ने धर दबोचा। बिलसंडा में धरपकड़ करने के बाद टीम उसे अपने साथ कोतवाली बीसलपुर ले आई। यहां घंटों पूछताछ चली। जिसे लेकर हड़कंप मचा रहा। मामले में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। एक माह के भीतर दूसरी धरपकड़ से खलबली मची रही।

बताते हैं कि क्षेत्र के ईटगांव के रहने वाले विकल्प सिन्हा की मृतक आश्रित में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के तौर पर बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी लगी थी। उनकी तैनाती गांव धनगवा के जूनियर हाईस्कूल में हुई थी। विभागीय जिम्मेदारों की मेहरबानी हुई और कंप्यूटर का काम आता था। ऐसे में उसे बीआरसी बिलसंडा में कंप्यूटर ऑपरेटर का काम सौंप दिया गया था।

 एक शिक्षक की लंबित फाइल को लेकर उसने सुविधा शुल्क की मांग की। बिना सुविधा शुल्क काम नहीं होने दे रहा था। शिक्षक से पांच हजार रुपये मांगे गए थे। कई बार चक्कर लगाने और रुपये न देने पर काम नहीं हुआ तो शिक्षक ने एंटी करप्शन टीम से शिकायत कर दी। इसके बाद टीम ने इसे लेकर अपना जाल बिछाया।  

एण्टी करप्शन की टीम बुधवार को बिलसंडा पहुंचा। फिर शिकायतकर्ता के जरिए कर्मचारी विकल्प सिन्हा को अस्पताल के पास बुलाया गया और जैसे ही शिक्षक से रिश्वत ली गई। टीम ने आरोपी कर्मचारी को रिश्वत लेते रंगेहाथ धर दबोचा। उसके पास से प्राप्त नोट चेक किए गए तो वह टीम द्वारा केमिकल लगाकर दी गई रकम ही निकली। उसे टीम हिरासत में लेकर बीसलपुर कोतवाली आ गई।

इसके बाद दिन भर पूछताछ के साथ ही मामले को लेकर कार्रवाई चलती रही। उधर, शिक्षा विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर पद पर काम देख रहे कर्मचारी की धरपकड़ का शोर पूरे जिले में मचा रहा। यह भी कहा जाता रहा कि आरोपी एक जिम्मेदार की शह पर शिक्षकों से वसूली करता था।

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