हल्द्वानी: इंजेक्शन लगाया और मर गया टैक्सी चालक, हॉस्पिटल प्रबंधन के खिलाफ दी तहरीर
हल्द्वानी, अमृत विचार। डेंगू की शिकायत पर हॉस्पिटल पहुंचे मरीज को एक इंजेक्शन लगाया और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने हॉस्पिटल में हंगामा शुरू कर दिया और नौबत मारपीट तक पहुंच गई। जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और हालात काबू किए, लेकिन दोनों पक्षों के बीच तल्खी कम नहीं हुई। मुआवजे पर सहमति नहीं बनी तो पीड़ित पक्ष ने हॉस्पिटल के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी।
मुखानी थानाक्षेत्र के तीन मूर्ति स्थित आदर्श नगर कॉलोनी में रहने वाले जगदीश मेहरा (46) पेशे से टैक्सी चालक थे और मूल रूप से ग्वालाकोट मनान सोमेश्वर अल्मोड़ा के रहने वाले थे। आदर्शनगर कॉलोनी में वह पत्नी हीरा, बेटे भव्य, मयंक व बेटी भूमिका के साथ रहते थे। जगदीश के भाई गोपाल सिंह मेहरा ने बताया कि जगदीश को डेंगू की शिकायत थी और शनिवार को उनका टेस्ट भी कराया था, जिसकी रिपोर्ट रविवार को मिलनी थी।
जगदीश की हालत बिगड़ने पर रविवार सुबह करीब 10 बजे उन्हें नैनीताल रोड स्थित एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया और उसी रात करीब 8 बजे मौत हो गई। आरोप है कि भर्ती होने के तीन घंटे बाद मरीज का उपचार शुरू हुआ और उसके बाद उसे देखने कोई नहीं आया। शाम करीब 7 बजे उसे आईसीयू में शिफ्ट करने का फैसला लिया और यह काम परिजनों से करने को कह दिया। स्ट्रेचर नहीं मिला तो परिजन ढोकर जगदीश को आईसीयू तक ले गए। जहां उसे एक इंजेक्शन दिया गया और फिर उसकी मौत हो गई।
मौत के बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। अस्पताल प्रशासन ने मुआवजा का लालच देकर मामला शांत करना चाहा, लेकिन बात नहीं बनी। परिजनों के बढ़ते हंगामे को देखते हुए पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम भेज दिया। दोपहर बाद पोस्टमार्टम कर शव परिजनों के सुपुर्द किया गया। जिसके बाद परिजनों ने हॉस्पिटल प्रबंधन और चिकित्सक के खिलाफ भोटियापड़ाव पुलिस को तहरीर दी। भोटियापड़ाव चौकी प्रभारी कुमकुम धानिक ने बताया कि परिजनों की ओर से तहरीर मिली है। मामले की जांच की जा रही है।
एक्सपर्ट के बजाय बीएमएस के कराया इलाज
हल्द्वानी : परिजनों का आरोप है कि जगदीश की जान न जाती, लेकिन चिकित्सकों की लापरवाही से जगदीश की मौत हो गई। पहले तो इलाज देरी से शुरू हुआ और जब विरोध शुरू किया तो एक्सपर्ट डॉक्टर को भेजने के बजाय बीएमएस से इलाज कराया गया। जगदीश को 10 बजे की हॉस्पिटल पहुंचा दिया गया, लेकिन इलाज दोपहर 1 बजे शुरू किया गया।
परिजन बोले-सूखा नशा करके आया था डॉक्टर
हल्द्वानी : परिजनों का एक और गंभीर आरोप है। परिजनों का कहना है कि घंटों बाद जब जगदीश के इलाज के लिए एक डॉक्टर मौके पर पहुंचा तो वह भी नशा करके। डॉक्टर ने संभवत: सूखा नशा किया था, जिसकी वजह से वह ठीक से बोल भी नहीं पा रहा था। नशे ही हालत में ही उसने गलत इंजेक्शन लगा दिया, जिसकी वजह से मौत हो गई।
7 हजार पर प्लेटलेट्स, मंगाकर भी नहीं चढ़ाई
हल्द्वानी : परिजनों के मुताबिक आईसीयू में जाने तक जगदीश की प्लेटलेट्स 7 हजार पहुंच चुकी थी। घरवालों से प्लेटलेट्स मंगाई, लेकिन चढ़ाई नहीं गई। जिससे उसकी हालत और बिगड़ गई। आनन-फानन में उसे इंजेक्शन लगाया और फिर 15 मिनट बाद ही उसे किसी दूसरे अस्पताल ले जाने को कह दिया। थोड़ी देर बाद मौत की पुष्टि कर दी गई।
