मुरादाबाद: डिडौरी, लाकड़ी फाजलपुर में ध्वस्त किया अवैध निर्माण, 18 दुकानें सील

Amrit Vichar Network
Published By Priya
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113 बीघा भूमि पर प्लाटिंग कर किए गए अवैध निर्माण को एमडीए ने जेसीबी से ध्वस्त कराया

मुरादाबाद, अमृत विचार। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की प्रवर्तन टीम ने गुरुवार को 113 बीघा भूमि पर अवैध प्लाटिंग कर किए गए निर्माण को जेसीबी से ध्वस्त कराया। टीम ने 18 दुकानों को भी सील करने की कार्रवाई की।

प्राधिकरण के सहायक अभियंता केएम जगूड़ी और अवर अभियंता केके शुक्ला के नेतृत्व में प्रवर्तन टीम ने ग्राम डिडौरी में मनोज कुमार द्वारा लगभग 10 बीघा भूमि पर अवैध रूप से प्लाट पर किए निर्माण को ध्वस्त कराया। इसके खिलाफ उत्तर प्रदेश नगर नियोजन अधिनियम 1973 के अंतर्गत वाद दायर था जिसमें पारित आदेश के क्रम में प्रवर्तन टीम ने निर्माण को ध्वस्त कराया। वहीं इसी गांव में कुलदीप शर्मा के द्वारा लगभग 16 बीघा भूमि पर अवैध तरीके से प्लाट काटकर निर्माण कराया जा रहा था। जिसे टीम ने आदेश के क्रम में ध्वस्त कराया।

 इसी क्रम में डिडौरी में राहुल गौतम द्वारा लगभग 12 बीघा भूमि पर अवैध निर्माण के अलावा जयवीर सिंह द्वारा लगभग 40 बीघा भूमि पर कराए गए निर्माण को वाद में पारित आदेश के क्रम में जेसीबी से ध्वस्त कराया। इसके बाद टीम लाकड़ी फाजलपुर पहुंची। टीम ने यहां डोरीलाल द्वारा लगभग 20 बीघा भूमि पर अवैध तरीके से प्लाट बनाकर कराए जा रहे निर्माण और यहीं पर अभिषेक कुमार द्वारा लगभग 15 बीघा भूमि पर कराए अवैध निर्माण को जेसीबी से ढहा दिया। प्रवर्तन टीम ने खुशहालपुर रोड पर राहुल गुप्ता द्वारा निर्माण कराए गए 18 अवैध दुकानों को भी सील कर दिया। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष शैलेष कुमार ने कहा कि अवैध निर्माण पर कड़ी नजर है।

 प्राधिकरण की प्रवर्तन टीम को ऐसी जगहों पर लगातार कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। जन सामान्य से अपील है कि बिना प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराए कोई निर्माण कार्य न करें। ऐसा करने पर प्राधिकरण इसे कभी भी ध्वस्त करा सकती है। कई जगह अनियोजित रूप से अवैध तरीके से प्लाट बनाकर निर्माण कराया जा रहा है। इसे भी ध्वस्त करा रहे हैं। इसकी जिम्मेदारी निर्माणकर्ता की है। उन्होंने कहा कि कोई भी भवन और भूखंड खरीदने से पहले उसके वैधता की जानकारी प्राधिकरण कार्यालय से अवश्य कर लें। प्राधिकरण की ओर से भी दुर्बल आय व अल्प आय वर्ग के लिए भवन निर्माण किया गया है। जिसे सीधे प्रथम आवत प्रथम पावत योजना के अधीन खरीद कर सपनों का घर बनाया जा सकता है।

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