प्रयागराज: पुलिस स्टेशनों के बाहर लावारिस पड़े वाहनों के संबंध में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में पुलिस स्टेशनों के बाहर लापरवाही से पड़े वाहनों के बारे में एक पत्र याचिका के माध्यम से जनहित याचिका दाखिल की गई है। मौजूदा याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ के समक्ष हुई।
याचिका के तथ्यों के अनुसार उत्तर प्रदेश के विभिन्न पुलिस स्टेशनों के बाहर जप्त किए गए वाहनों के बढ़ते स्टॉक के खतरे को याचिका के माध्यम से उजागर किया गया है। सड़क पर बेतरतीब पड़े वाहनों से सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण हो रहा है। ऐसे वाहनों के उचित भंडारण के लिए कोई स्थान निर्धारित न होने के कारण पुलिस स्टेशन परिसर कबाड़ खानों में तब्दील हो रहा है।
पुलिस स्टेशनों में पड़े रहने वाले वाहन पुलिस द्वारा समय-समय पर विभिन्न अपराधों के दौरान जप्त किए गए वाहन या छोड़े गए वाहन या चोरी या दुर्घटना आदि की शिकायतों तथा जांच के दौरान बरामद किए गए वाहन होते हैं। इसके अलावा प्रयागराज में कैंटोनमेंट पुलिस स्टेशन के सामने पड़े जब्त वाहनों की तस्वीरें भी याचिका के साथ संलग्न की गई है।
अधिवक्ता शुभम अग्रवाल ने तर्क दिया है कि यह समस्या प्रदेश के लगभग सभी जिलों के पुलिस स्टेशनों में है। इस समस्या से निजात पाने के लिए अधिवक्ता ने कोर्ट से कुछ उपाय करने की प्रार्थना की है। याचिका में यह भी प्रस्तुत किया गया है कि उपाय ऐसा होना चाहिए जिससे बढ़ते अतिक्रमण पर रोक लग सके और राष्ट्रीय संपदा संरक्षित हो सके। मामले को विचारणीय मानते हुए कोर्ट ने विपक्षियों को नोटिस जारी करते हुए विस्तृत हलफनामा मांगा है। अंत में कोर्ट ने वर्तमान जनहित याचिका की अगली सुनवाई आगामी 28 नवंबर के लिए सूचीबद्ध की है।
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