आयुर्वेद शिखर सम्मेलन में प्रतिभागियों ने कहा- समय की मांग है चिकित्सा प्रणालियों का एकीकरण 

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Published By Om Parkash chaubey
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कोच्चि। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की ओर से आयोजित वैश्विक आयुर्वेद शिखर सम्मेलन और केरल स्वास्थ्य पर्यटन 2003 में प्रतिभागियों ने शुक्रवार को कहा कि ऐसे समय में जब दुनियाभर में स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताएं तेजी से बदल रही हैं तब पारंपरिक और आधुनिक दवाओं का एकीकरण समय की मांग है।

सीआईआई के बयान के अनुसार, शिखर सम्मेलन में आयुष विभाग के प्रधान सचिव एपीएम मोहम्मद हनीश ने उपचार और कल्याण के बारे में एक बड़ा दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हमें आज की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए काम करने की आवश्यकता है और विभिन्न चिकित्सा प्रणालियों को लेकर व्यापक रुख अपनाने की जरूरत है।''

पूर्व भारतीय राजदूत वेणु राजामोनी ने कहा कि मूल बात यह है कि मरीजों को अपनी बीमारी के लिए उचित इलाज की आवश्यकता है और इस पर ध्यान कम है कि कौन सी दवा सटीक लाभ देती है। उन्होंने कहा कि चीन में चिकित्सा पेशेवरों के लिए मरीजों को आधुनिक चिकित्सा और पारंपरिक चीनी चिकित्सा दोनों का सुझाव देना आम बात है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में भी हमें अपनी पारंपरिक दवाओं के बारे में समान विश्वास रखना चाहिए।’’

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