वैदिक अपहरणकांड : 84 दिन बाद न्यायालय में 700 पन्ने की चार्जशीट दाखिल...जानिए पूरा मामला

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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पांच अगस्त को हुआ था अपहरण, दूसरे दिन पुलिस मुठभेड़ में सकुशल बरामद हुआ था बच्चा

अपरहणकर्ताओं मोबाइल से बरामद नहीं कर पाई पुलिस, फोन कर मांगी थी 40 लाख रुपये की फिरौती

मुरादाबाद, अमृत विचार। 5 अगस्त की शाम को नवनीत गुप्ता के सात साल के बेटे वैदिक गुप्ता को अपहरण कर 40 लाख रुपये की फिरौती मांगने वाले तीनों आरोपियों के विरुद्ध विवचेक ने शुक्रवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी है। 700 पन्ने की चार्जशीट में विवेचक ने अपराध साबित करने के लिए न्यायालय में पर्याप्त सुबूत पेश किए हैं।

वैदिक के अपहरणकांड का मास्टरमाइंड कैलाश कश्यप था, जो सिविल लाइंस थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है। आशियाना कॉलोनी डी-1-55 निवासी कैलाश के विरुद्ध सिविल लाइंस थाने में तीन केस पहले से दर्ज हैं। नवनीत के पड़ोसी अंकुश शर्मा और उसके साथी सिविल लाइंस के नवीन नगर निवासी शशांक मेहता उर्फ विक्की के साथ मिलकर वैदिक का अपहरण किया था। चार्जशीट में विवेचक सतीश कुमार शर्मा ने कहा है कि बेटे वैदिक गुप्ता के अपहरण और 40 लाख रुपये की फिरौती मामले में 6 अगस्त को फरौती के लिए अपहरण, साक्ष्य छिपाना, अपराधिक षडयंत्र के आरोप में अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई थी। 
 वादी ने बताया था कि उनके बेटे को आरोपी सफेद रंग की वैगन-आर कार में बैठाकर ले गए हैं।

पुलिस ने अपहरण के अगले दिन छह अगस्त की तड़के सुबह मुठभेड़ में आरोपी शशांक मेहता उर्फ विक्की, अंकुश शर्मा के कब्जे से अपहृत बालक वैदिक गुप्ता को सकुशल बरामद किया था। मौके से शशांक व अंकुश को गिरफ्तार भी किया गया था। बयान व सीडीआर की पड़ताल में तीसरा अभियुक्त कैलाश कश्यप पुत्र छोटन का नाम प्रकाश में आया था। प्राप्त साक्ष्य के आधार पर एफआईआर में अपराधिक षडयंत्र से संबंधित धारा की वृद्धि भी की गई थी। इसके बाद कैलाश कश्यप को 12 अगस्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।

तीनों अभियुक्तों को पीसीआर पर लिए जाने के बाद भी फिरौती मांगने का साक्ष्य छिपाने के उद्देश्य से इन लोगों ने फिरौती मांगने को जिस मोबाइल से वादी नवनीत गुप्ता को फोन किया गया, उसे बरामद नहीं कराया। मामले में साक्ष्य छिपाने के आरोप में आइपीसी की धारा-201 की वृद्धि की गई। चार्जशीट में विवेचक ने कहा है कि तमाम गवाह, वादी के बयान, घटनास्थल का निरीक्षण, सीडीआर (काल डिटेल रिकॉर्ड), रिलेशन चार्ट व एकत्र सबूतों के आधार पर तीनों अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप सत्य साबित हो रहे हैं।

प्रयोगशाला जांच पुष्टि, वैदिक के ही निकले बाल
विवेचक का दावा है कि अभियुक्तों के पास से अपहृत वैदिक गुप्ता के बाल भी बरामद हुए थे। जिनका डीएनए सैंपल विधि विज्ञान प्रयोगशाला मुरादाबाद में दाखिल किया गया और अभियुक्तों से मोबाइल फोन से अपहृत के पिता से 40 लाख रुपये की फिरौती मांगने की आवाज का मिलान कराने के लिए भी विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ में सैंपल दाखिल किया गया था। इसकी परीक्षण रिपोर्ट नहीं आई है।

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