हल्द्वानी: इस बार सोमवती अमावस्या के कारण 6 दिन रहेगी दीपोत्सव की बहार
चतुर्दशीयुक्त अमावस्या प्रदोष कालीन होने से दिवाली का पर्व रविवार 12 नवंबर को
भूपेश कन्नौजिया, हल्द्वानी, अमृत विचार: दिवाली का पर्व नजदीक है बाजार सज गए हैं और लोग भी दीपोत्सव के लिए अपनी-अपनी तरह से तैयारियों में जुट गए हैं। वहीं इस वर्ष भी दीपोत्सव पूरे छह दिन रहने वाले है। ज्योतिषाचार्य डा.मंजू जोशी, पंडित कैलाश पांडे और मनोज जोशी के मुताबिक पिछली बार 2022 में सूर्य ग्रहण के कारण दिवाली उत्सव पांच की जगह छह दिन चला और इस बार सोमवती अमावस्या के कारण 6 दिन यह पर्व चलेगा।
दरअसल इस बार चतुर्दशीयुक्त अमावस्या प्रदोष कालीन होने से दिवाली का पर्व रविवार 12 नवंबर को मनाया जाएगा। दिवाली प्रदोष कालीन और निशीथकालीन अमावस्या में मनाना शास्त्र सम्मत रहता है। इस दिन अमावस्या तिथि दोपहर 2:44 से शुरू होगी जो सोमवार 13 नवंबर को दोपहर 2:56 तक रहेगी। दीपोत्सव की शुरुआत 10 नवंबर को धनतेरस से होगी सनातनी पर्व धनतेरस धन, सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि का पर्व है। यह पर्व कार्तिक मास की त्रयोदशी को मनाया जाएगा। त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर दोपहर 12:39 बजे से 11 नवंबर को दोपहर 1:59 बजे तक रहेगी। ऐसे में धनतेरस का त्योहार 10 नवंबर शुक्रवार को मनाया जाएगा। धनतेरस पर्व का शुभ समय गोधूलि वेला होती है।
छोटी दीपावली व नरक चतुर्दशी 11 नवंबर को
हल्द्वानी: इस दिन घर के आंगन में 11 या 21 कच्चे दीपक जलाने की परंपरा है। इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया था। इस वजह से इसे नरक चतुर्दशी भी कहते हैं और इसी दिन शास्त्रों में राम भक्त हनुमान के जन्मोत्सव मनाने की भी परंपरा है। इस दिन शनिवार होने से भक्त हनुमान जी के मंदिर में विशेष अनुष्ठान करेंगे। 13 नवंबर सोमवार को दोपहर 2:56 तक होने से इस दिन उदयकालीन सोमवती अमावस्या रहेगी। सोमवती अमावस्या पर दान पुण्य का दौर चलेगा। इसके अगले दिन मंगलवार 14 नवंबर को अन्नकूट एवं गोवर्धन पूजा का आयोजन होगा। इसके बाद भाई-बहन के प्यार का त्योहार भाई दूज 15 नवंबर को मनाया जाएगा। दूज तिथि दोपहर 1:50 तक रहेगी।
पूजा का श्रेष्ठ मुहूर्त : 12 नवंबर शाम 5:39 से रात 8:16 तक
पं. कैलाश पांडे के अनुसार, कार्तिक अमावस्या 12 नवंबर दोपहर 2:44 से 13 नवंबर को दोपहर 2:56 बजे तक रहेगी। ऐसे में दीपावली 12 नवंबर रविवार को मनाई जाएगी। दीपावली पर महालक्ष्मी, सरस्वती, गणेश और कुबेर देवता की पूजा की जाएगी। दीपावली पूजन का सबसे उत्तम समय प्रदोष काल का रहता है।
