दिल्ली के प्रदूषण से हल्द्वानी ट्रांसपोर्ट कारोबार 'बीमार'

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Published By Bhupesh Kanaujia
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हल्द्वानी, अमृत विचार। प्रदूषण से दिल्ली में हवा जहरीली हो गई है। इसलिए सरकार ने दिल्ली के अंदर डीजल चलित वाहनों की एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसका सीधा असर ट्रांसपोर्ट कारोबार पर पड़ा है। हल्द्वानी ट्रांसपोर्ट कारोबार में 40 प्रतिशत की गिरावट आई है। दिल्ली से हल्द्वानी माल पहुंचने में 3 से 4 दिन का समय लग रहा है।
 

ट्रांसपोर्ट कारोबार उत्तराखंड की रीढ़ है। इसके जरिये दिल्ली समेत अन्य राज्यों से आने वाले कच्चे और पक्के माल को ट्रकों से पहाड़ों तक पहुंचाया जाता है। हल्द्वानी में करीब 865 कारोबारी ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े हैं। यहां लगभग 95 प्रतिशत ट्रक डीजल से चलने वाले हैं, जबकि 5 प्रतिशत ही सीएनजी हैं।

ट्रांसपोर्ट में आने वाला माल ज्यादातर दिल्ली से आता है। लेकिन एक नवंबर से दिल्ली में डीजल वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगने से ट्रांसपोर्ट कारोबार धीमा पड़ गया है।
 

कारोबारियों की माने तो एक दिन में माल भाड़े से अनुमानित एक करोड़ का कारोबार होता है। लेकिन वर्तमान में 40 प्रतिशत कारोबार चौपट हो गया है। पहले जो माल दिल्ली से हल्द्वानी 24 घंटे में पहुंचता था वो अब 3 से 4 दिन में पहुंच रहा है। यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में कारोबार में और गिरावट आ सकती है।
 
ग्रीन टैक्स, टोल और अब जुर्माने का भार
दिल्ली से हल्द्वानी माल लाने के लिए ट्रांसपोर्ट कारोबारी पहले से ग्रीन ट्रैक्स और टोल का भार झेल रहे हैं। अब उन्हें जुर्माने का भी भार झेलना पड़ रहा है। दिल्ली में प्रवेश करने वाले भोपुरा बार्डर, सीलमपुर बार्डर, कुंडली बार्डर और ट्रांसपोर्ट नगर दिल्ली सब जगह सख्ती से वाहनों की चेकिंग हो रही है। डीजल चलित वाहन पकड़े जाने पर 10 से 20 रुपये का जुर्माना लग रहा है। ऐसे में कारोबारी जुर्माना चुकाकर माल लाने को मजबूर हैं। दिल्ली में घुसने के लिए छोटे ट्रक 6 टायरा को 1400 ग्रीन टैक्स और 320 रुपये टोल, 10 टायरा को 2600 ग्रीन टैक्स और 520 टोल तथा 12 टायरा को 3200 ग्रीन टैक्स और 620 रुपये टोल देना पड़ता है।

सता रहा कारोबार ठप होने का डर
डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगने से हल्द्वानी ट्रांसपोर्ट नगर के छोटे कामगारों को कारोबार ठप होने का डर सताने लगा है। कारोबार ठप होने का सबसे ज्यादा असर मिस्त्री, लुब्रिकेंट (ऑयल) कारोबारी, खराद मिस्त्री, इलैक्ट्राशियन और स्पेयर पार्ट्स व्यापारी पर पड़ेगा। वाहन मालिकों को भी इसका खामियाजा भुगतना होगा। समय पर वाहनों की मरम्मत के लिए सामान न मिलने पर कार्य करने में काफी परेशानी आयेगी।

95 प्रतिशत डीजल वाली गाड़ियां हैं। सरकार को समय देना चाहिए था। अचानक निर्णय से कारोबार प्रभावित हुआ है। स्पेयर पार्ट्स का माल लाने में दोगुना किराया चुकाना पड़ रहा है।
- अमरजीत सिंह सेठी, अध्यक्ष, ट्रांसपोर्ट नगर व्यापारी एसोसिएशन

ट्रक चालक दिल्ली जाने में डर रहे हैं। ज्यादातर बुकिंग गाजियाबाद की करनी पड़ रही है। मोटे-मोटे जुर्माने हो रहे हैं। फिटनेस से लेकर सारे कागज पूरे होने के बावजूद कार्रवाई हो रही है।
- प्रदीप सब्बरवाल, महामंत्री, ट्रांसपोर्ट नगर व्यापारी एसोसिएशन

कपड़ा, फल-सब्जी, दालें, रेडिमेड और इलैक्ट्रानिक का सारा सामान दिल्ली से आता है। वाहनों की एंट्री बंद करने से कारोबार धीमा पड़ गया है। इससे कारोबार करने में परेशानी आ रही है।
- इन्द्रकुमार भुटियानी, वसुंधरा ट्रांसपोर्ट

दिल्ली में डीजल वाहनों पर रोक से हल्द्वानी माल पहुंचने में समय लग रहा है। पहले 24 घंटे में माल पहुंच जाता था, लेकिन 3 से 4 दिन का समय लग रहा है। काफी दिक्कत हो रही है।
- पंकज बोरा, कॉमर्शियल ट्रांसपोर्ट

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